UP News: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लखनऊ स्थित ब्रह्मोस एयरोस्पेस इकाई से ब्रह्मोस मिसाइलों की पहली खेप को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. यह घटना उत्पादन के क्षेत्र में लखनऊ के लिए एक नया इतिहास रचने जा रही है. सरोजनी नगर में स्थित यह अत्याधुनिक ब्रह्मोस यूनिट उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (यूपीडीआईसी) की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है.
रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री बूस्टर डॉकिंग प्रक्रिया देखी
कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री बूस्टर डॉकिंग प्रक्रिया देखी. इसी क्रम में ब्रह्मोस सिम्युलेटर उपकरणों का प्रस्तुतीकरण भी होगा. इसके अलावा पौधरोपण कार्यक्रम पहुंचे. कार्यक्रम के दौरान, महानिदेशक (ब्रह्मोस) डॉ. जयतीर्थ आर जोशी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक चेक और जीएसटी बिल सौंपा, जिससे राज्य सरकार को राजस्व प्राप्त होगा. ब्रह्मोस मिसाइलों के उत्पादन से उत्तर प्रदेश में उच्च कौशल वाले युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे.
ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज और ताकत
- ब्रह्मोस की मौजूदा रेंज: 290 किलोमीटर
- एडवांस वर्जन की रेंज: 500 से 800 किलोमीटर
- विस्फोटक क्षमता: 200-300 किलोग्राम हाई-एक्सप्लोसिव
- स्पीड: मैक 2.8 से 3.0 (यानी आवाज की गति से लगभग तीन गुना तेज)
- यह मिसाइल दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देकर लक्ष्य को भेदने में सक्षम है.
देश की सुरक्षा को लेकर अहम पहल
लखनऊ ब्रह्मोस इकाई उत्तर प्रदेश रक्षा गलियारे का पहला ऐसा प्रतिष्ठान है, जहां मिसाइल प्रणाली के निर्माण से लेकर अंतिम परीक्षण तक की पूरी प्रक्रिया देश में ही की जाती है. इस इकाई में मिसाइलों की असेंबली, इंटीग्रेशन और टेस्टिंग का कार्य उच्च तकनीकी मानकों पर किया जाता है. ब्रह्मोस मिसाइलों के पहले बैच का यह फ्लैग ऑफ भारत के रक्षा उत्पादों में आत्मनिर्भरता के संकल्प को नई ऊर्जा प्रदान करेगा.
यह परियोजना न सिर्फ रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि प्रदेश में रोजगार, निवेश और तकनीकी नवाचार के नए अवसर भी सृजित कर रही है.
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