सीएम योगी ने 1510 अनुदेशकों को सौंपे नियुक्ति पत्र, पारदर्शी चयन और रोजगार पर दिया जोर

UP: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को लोकभवन में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) में चयनित 1510 अनुदेशकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए. मुख्यमंत्री ने कुछ चुनिंदा अनुदेशकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया, जबकि सभी जिलों में आयोजित कार्यक्रम में सांसद और विधायक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया. इस मौके पर व्यावसायिक शिक्षा मंत्री कपिल देव अग्रवाल, कौशल विकास विभाग के प्रमुख सचिव हरिओम सहित अन्य लोग मौजूद रहे.

कुल 1851 चयनित अनुदेशक विभाग को प्राप्त होंगे

मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश के 286 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में 92 व्यवसाय संचालित हैं. इनमें 1,84,280 सीटें उपलब्ध हैं. इन संस्थानों में 7768 अनुदेशक के पद स्वीकृत हैं. इनमें से 6577 नियमित और 1191 आउटसोर्सिंग के हैं. वर्ष 2022 में रिक्त 2406 पदों पर भर्ती प्रक्रिया अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से प्रारम्भ की गई थी. इसके तहत 1510 अनुदेशकों का चयन हुआ है. शेष 341 पदों का परिणाम भी शीघ्र घोषित होने की संभावना है. इस प्रकार कुल 1851 चयनित अनुदेशक विभाग को प्राप्त होंगे. 

आठ वर्षों में 8.5 लाख दी गई सरकारी नौकरियां

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मिशन रोजगार के संकल्प को पूरा करने के लिए आठ वर्षों में 8.5 लाख सरकारी नौकरियां दी गईं. सरकार की प्राथमिकता है कि किसी भी अभ्यर्थी के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव न हो. उसका किसी भी स्तर पर शोषण न हो. योग्यता और क्षमता के आधार पर युवाओं को सरकारी नौकरी मिले. इसी सख्ती का परिणाम है कि आज भर्तियों में पारर्दशिता के साथ चयन हो रहा है. 

आउटसोर्सिंग से भरे गए 900 से ज्‍यादा पद

बताया जा रहा है कि पिछले 8 सालों में प्रदेश में 60 से अधिक नए आईटीआई स्थापित किए गए हैं. वर्तमान में 324 राजकीय आईटीआई के माध्यम से 82 ट्रेड में प्रशिक्षण दिया जा रहा है. यहां मासिक फीस मात्र 40 रुपए रखी गई है ताकि किसी युवा की आर्थिक स्थिति बाधा न बने. साथ ही 3000 निजी आईटीआई में 6 लाख सीटों पर प्रशिक्षण की सुविधा है, जिसमें फीस प्रतिपूर्ति और छात्रवृत्ति भी उपलब्ध है. प्रदेश सरकार ने 900 से अधिक पद आउटसोर्सिंग से भरे हैं और आईटीआई का उन्नयन कर उन्हें सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रिक व्हीकल, लेजर कटिंग, सीएनसी, थ्री डी प्रिंटिंग, डिजिटल कम्युनिकेशन जैसे आधुनिक तकनीकी कोर्स से जोड़ा है.

हर साल 15 हजार युवा प्रशिक्षित हो रहे

टाटा टेक्नोलॉजीज और 18 अन्य कंपनियों के सहयोग से 150 आईटीआई का उन्नयन हुआ है, जिनमें 9 नए ट्रेड और 23 शॉर्ट टर्म कोर्स शुरू हुए. इस परियोजना पर 5000 करोड़ रुपये खर्च किए गए और हर साल 15 हजार से अधिक युवा प्रशिक्षित हो रहे हैं. वहीं यूपी कौशल विकास मिशन के तहत पिछले 8 सालों में 14 लाख युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है. जिनमें से 5.65 लाख को रोजगार से जोड़ा गया है. ग्रामीण क्षेत्रों में दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के तहत 1.80 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया गया, जबकि प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना से 2.50 हजार से अधिक युवाओं को 500 कंपनियों में अवसर मिला है.

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