UP: देशभर में फास्टैग एनुअल पास की सुविधा लागू कर दी गई है. इस नई व्यवस्था के तहत अब वाहन मालिक 3000 रुपये का एकमुश्त भुगतान करके पूरे साल के लिए या फिर 200 ट्रिप तक का टोल पहले से ही कवर कर सकते हैं. खास बात यह है कि यह सुविधा केवल गैर-व्यावसायिक वाहनों जैसे निजी कार, जीप और वैन के लिए उपलब्ध होगी. यानी ट्रक, बस या अन्य कमर्शियल वाहन इस योजना के दायरे में नहीं आएंगे. ये एनुअल पास उत्तर प्रदेश के 4 प्रमुख एक्सप्रेसवे पर नहीं चलेगा.
यूपी के इन 4 एक्सप्रेसवे पर लागू नहीं होगा फास्टैग एनुअल पास
उत्तर प्रदेश के 4 प्रमुख एक्सप्रेसवे- यमुना एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर ये फास्टैग एनुअल पास नहीं चलेगा यानी यहां ये लागू नहीं होगा. इन चारों एक्सप्रेसवे पर आपके सामान्य फास्टैग खाते से ही टोल का पैसा कटेगा. दरअसल, उत्तर प्रदेश के ये चारों एक्सप्रेसवे राज्य सरकार के अधीन आने वाले स्टेट हाईवे हैं और फास्टैग एनुअल पास सिर्फ केंद्र सरकार के अधीन आने वाले नेशनल हाईवे पर ही लागू है. स्टेट हाईवे से गुजरने पर आपके सामान्य फास्टैग अकाउंट से ही टोल का पैसा कटेगा.
फास्टैग एनुअल पास एक्टिव होने के बाद दो अलग खाते
जब कोई वाहन मालिक 3000 रुपये का भुगतान करके फास्टैग एनुअल पास एक्टिव करता है, तो उसकी गाड़ी में लगे फास्टैग टैग से दो अलग-अलग खाते जुड़ जाते हैं. पहला खाता होता है एनुअल पास का, जिसमें से नेशनल हाईवे पर यात्रा करने के दौरान टोल शुल्क कटता है. दूसरा खाता होता है सामान्य फास्टैग खाता, जो पहले से ही सक्रिय रहता है. अगर आप स्टेट हाईवे या किसी ऐसे एक्सप्रेसवे से गुजरते हैं जहां एनुअल पास मान्य नहीं है, तो उस स्थिति में टोल शुल्क सीधे आपके सामान्य फास्टैग खाते से काटा जाएगा.
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