Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि चार चीजें- चार चीजों का…
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मनुष्य के जीवन में इन छह बातों का निर्णय है परम आवश्यक
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि छः बातें- प्रत्येक साधक के…
सिर्फ पढ़े-लिखे होने से ही जीवन नहीं होता सार्थक
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि अहंकार का दमन- एक पढ़े-लिखे…
विश्वास की है तीन आंखें- अज, निज और सहज
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि विश्वास-विश्वास सबमें होता है. विश्वास…
प्रीति में नहीं होता कोई छोटा या बड़ा का भेद
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि स्नेह, भक्ति, प्रीति और प्रेम-स्नेह-बड़ा…
क्यों मनुष्य योनि को कहते है कर्म योनि?
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि कर भला तो हो भला-…
प्रमाद के मकड़जाल में नहीं फंसता आत्मचिंतन करने वाला व्यक्ति
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि आलस्य खतरनाक है- जो साधक…
शरीर और आत्मा की पहचान न कर पाना ही है दुख का कारण
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता जीवन को नियोजित करने…
कर्तव्य पालन में लापरवाही करना ही है व्यक्ति का सबसे बड़ा दुख का कारण : दिव्य मोरारी बापू
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि कर्म के पुष्प को प्रभु…
भक्ति रूपी मणि के प्रभाव से विष भी हो जाता है अमृत
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि भक्ति चिंतामणि- भक्ति चिंतामणि है.…