International Tiger Day: योगी सरकार के नेतृत्व में राज्य में लगातार बढ़ रही बाघों की संख्या

UP: उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय पशु बाघ की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. यह न सिर्फ वन्यजीव संरक्षण के लिहाज़ से एक सकारात्मक संकेत है, बल्कि यह दर्शाता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली योगी सरकार ने वन्यजीवों की सुरक्षा और मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए जो योजनाएं बनाई हैं, वे ज़मीन पर कारगर साबित हो रही हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यूपी के इस प्रयास की सराहना कर चुके हैं. पीलीभीत, दुधवा, अमानगढ़ व रानीपुर टाइगर रिजर्व में भी बाघ संरक्षण को लेकर अनेक कार्य किए जा रहे हैं.

अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर विविध कार्यक्रम

29 जुलाई को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने अनेक जागरूकता कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की है. लखनऊ चिड़ियाघर में वॉकाथान का आयोजन किया गया, जिसमें वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना, राज्य मंत्री केपी मलिक, प्रमुख सचिव अनिल कुमार सहित वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहें. वहीं, पीलीभीत टाइगर रिजर्व और अन्य वन क्षेत्रों में भी जागरूकता कार्यक्रम, स्कूलों में पेंटिंग प्रतियोगिता, ‘बाघ मित्र’ का सम्मान आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

‘बाघ मित्र’ ऐप लॉन्च

बता दें कि 2019 में सीएम योगी ने ‘बाघ मित्र’ कार्यक्रम के तहत 2023 में ऐप लॉन्च किया था. पीलीभीत में अब तक 120 ‘बाघ मित्र’ ग्रामीणों को प्रशिक्षण के बाद निगरानी व्यवस्था से जोड़ा गया. बाघ मित्र ऐप से ग्रामीण सीधे भेज रहे फोटो और लोकेशन भेज सकते हैं, जिससे त्वरित कार्रवाई हो रही है. आज अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर विशेष कार्यक्रम वॉकाथॉन और सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा.

दरअसल, योगी सरकार के बाघ संरक्षण मॉडल की पीएम मोदी भी सराहना कर चुके हैं. इस मॉडल के जरिए बाघों की संख्या में इजाफा देखने को मिला है. इतना ही नहीं ये मॉडल बाघों के संरक्षण में मास्टर स्ट्रोक साबित होता नजर आ रहा है.

यूपी में बाघों की संख्या में हुई बढ़ोतरी

प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) अनुराधा वेमुरी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है. 2022 में हुई गणना के मुताबिक यूपी में कुल 222 बाघ हैं. उन्होंने बताया कि 2006 में बाघों की गणना में यूपी में 109, 2010 में 118, 2014 में 117, 2018 में 173 व 2022 में 222 पाए गए थे. दुधवा टाइगर रिजर्व में 2014 में 68, 2018 में 82 तथा 2022 की गणना में 135 टाइगर पाए गए. वहीं पीलीभीत टाइगर रिजर्व में वर्तमान में 63, अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में 20, रानीपुर टाइगर रिजर्व में 4 बाघ हैं.  

दुधवा टाइगर रिजर्व में बाघ संरक्षण व सुरक्षा की दृष्टि से किए जा रहे कार्य

एम-स्ट्राइप्स पेट्रोलिंग के अतर्गत जनपद लखीमपुर खीरी के अंतर्गत दूधवा टाइगर रिजर्व, बफर जोन व दूधवा टाइगर रिजर्व प्रभाग में औसतन कुल 152337 किमी. प्रतिमाह तथा बहराइच के अंतर्गत कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग में कुल 41684 किमी. प्रतिमाह सघन गश्त की जाती है. एम स्ट्राइप्स पेट्रोलिंग ऐप के माध्यम से दो पहिया, चार पहिया, पैदल, हाथी, साइकिल व नाव के माध्यम से यह गश्त होती है. वहीं हैबीटेट इंप्रूवमेंट, वाटर होल मैनेजमेंट व मानव वन्यजीव संघर्ष को न्यूनतम करने के लिए भी निरंतर अनेक प्रयास हो रहे हैं.

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