MP: मध्य प्रदेश सरकार ने जनजातीय गौरव दिवस पर 29 आदिवासी कैदियों को रिहा करने जा रही है. यह सभी कैदी अलग अलग जुर्म में आजीवन कारावास की सजा काट रहे है. जिन्हे मध्यप्रदेश शासन 15 नवंबर को जेल से रिहा करेगी. पहले सिर्फ 15 अगस्त और 26 जनवरी को ही कैदियों को आजाद किया जाता था. लेकिन मध्यप्रदेश शासन ने रिहाई नीति में संशोधन करते हुए जेल में बंद बंदियों को अब 15 नवंबर जनजातीय गौरव दिवस और 14 अप्रैल अंबेडकर जयंती पर भी रिहा किया जायेगा. जिसको लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है.
जनजातीय गौरव दिवस पर रिहाई
एक सरकारी विज्ञप्ति में यह भी कहा गया कि चालू वर्ष में अब तक चार मौकों पर अच्छे आचरण वाले कैदियों को रिहा किया जा चुका है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार सुधार और पुनर्वास पर विशेष ध्यान दे रही है.
राज्यपाल की सिफारिश और पिछले रिहाई रिकॉर्ड
राजभवन के एक अधिकारी ने बताया कि यह ताजा कदम राज्यपाल मंगूभाई पटेल की सिफारिश पर उठाया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि अच्छे आचरण वाले कैदियों को माफी देने की यह पहल पिछले वर्षों के रिहाई रिकॉर्ड के अनुरूप है.
2025 के दौरान गणतंत्र दिवस, आंबेडकर जयंती, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती के अवसर पर कुल 523 कैदियों को रिहा किया गया था. यह आंकड़ा सरकार की जेल सुधार प्रक्रिया और अच्छे आचरण को बढ़ावा देने वाली नीतियों को रेखांकित करता है.
प्रदेश की आदिवासी आबादी और रिहाई का महत्व
प्रदेश के मुखिया सीएम मोहन यादव की सरकार की पहल पर 15 नवंबर राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस को भी शामिल किया गया है. यह देश में पहली बार होगा जब जनजातीय गौरव दिवस पर भी बंदियों की रिहाई होगी. इस वर्ष इस अवसर पर 29 बंदियों को रिहा करने का प्रस्ताव है, जिनमें 8 अनुसूचित जनजाति वर्ग के बंदी शामिल हैं. इसके साथ ही रिहा होने वाले बंदियो के लिये जेल विभाग सामाजिक पुनर्वास और आश्रित परिवारों की सहायता के लिये समाज कल्याण विभाग के साथ समन्वय कर नीतिगत व्यवस्था तैयार करने की योजना भी बनाई जायेगी.
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