Visakhapatnam: आंध्र प्रदेश में 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह के अवसर पर तीन लाख से अधिक लोगों ने एक ही स्थान पर एक साथ योग कर विश्व रिकॉर्ड बनाया है. मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने शनिवार को 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह को ऐतिहासिक और सफल करार देते हुए कहा कि राज्य ने दो ‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड’ बनाए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि करीब 22,000 आदिवासी छात्रों ने एक ही स्थान पर 108 मिनट में 108 बार सूर्य नमस्कार कर एक और विश्व रिकॉर्ड कायम किया है।
दो करोड़ से ज्यादा हुए रजिस्ट्रेशन
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री नायडू और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने विशाखापट्टनम के ‘आरके बीच’ पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। योग दिवस समारोह में सीएम नायडू ने बताया कि राज्य सरकार को आज के योग दिवस के लिए करीब दो करोड़ पंजीकरण की उम्मीद थी, लेकिन यह संख्या बढ़कर 2.45 करोड़ तक पहुंच गई।
एक वैश्विक स्वास्थ्य आंदोलन
मुख्यमंत्री ने कहा कि योग 175 से अधिक देशों में, 12 लाख से अधिक स्थानों पर, 10 करोड़ से अधिक लोगों की भागीदारी के साथ मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने योग को न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में लोकप्रिय बनाकर इसे एक वैश्विक स्वास्थ्य आंदोलन का रूप दे दिया है।
पीएम मोदी को दिया धन्यवाद
नायडू ने कहा, “मैं हमारे दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने योग को भारत ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत कर योग को एक वैश्विक स्वास्थ्य आंदोलन में बदल दिया।” उन्होंने कहा कि योग प्राचीन भारतीय अभ्यास है जिसे राष्ट्रीयता, क्षेत्र, धर्म और भाषा से परे जाकर सभी ने स्वीकार किया है। योग शरीर, मन और आत्मा का मेल कराता है और यह स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
आदिवासी छात्रों ने एक साथ योगाभ्यास कर बनाया रिकॉर्ड
मुख्यमंत्री ने बताया कि शुक्रवार को 22,122 आदिवासी छात्रों ने एक साथ योगाभ्यास कर नया रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने कहा कि योग आज एक जन आंदोलन बन चुका है और लोगों से आग्रह किया कि वे प्रतिदिन कम से कम एक घंटा योगाभ्यास के लिए अवश्य निकालें।
पीएम मोदी ने किया योग को जन आंदोलन बनाने का आह्वान
इससे पहले आंध्रप्रदेश में बंदरगाह शहर विशाखापत्तनम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चाहे सिडनी ओपेरा हाउस की सीढ़ियां हों, एवरेस्ट की चोटियां हों या समुद्र का विस्तार। हर जगह संदेश एक ही है – योग सभी का है और सभी के लिए है। योग की वैश्विक स्वीकृति सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि यह मानव कल्याण के लिए एक संयुक्त प्रयास है
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