Health: स्वास्थ्य के लिहाजा से पसीना आना जरुरी है, लेकिन बेवजह ज्यादा पसीना आना खतरनाक हो सकता है. कुछ लोगों को ठंडा के मौसम में भी सोने के दौरान बहुत पसीना आता है. बहुत से लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं क्योंकि यह उन्हें एक छोटी सी समस्या लगती है. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि नींद में पसीना आना कोई छोटी समस्या नहीं है. इसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है. विशेषज्ञों के मुताबिक यह लक्षण विभिन्न बीमारियों का संकेत हो सकता है. समस्या गंभीर होने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर होगा.
किन बीमारियों का हो सकता है संकेत?
- हाइपरथायराइडिज्म- जब थायरॉइड ग्रंथि ज्यादा मात्रा में हार्मोन बनाने लगती है तो शरीर गर्मी और पसीना बर्दाश्त नहीं कर पाता. यह स्थिति हाइपरथायराडिज्म कहलाती है.
- तनाव और चिंता- ज्यादा मानसिक तनाव और चिंता भी रात में पसीना लाने की बड़ी वजह हो सकती है. इसमें दिल की धड़कन तेज होना और घबराहट महसूस होना आम है.
- डायबिटीज- शरीर का शुगर लेवल अचानक कम होने पर डायबिटीज मरीजों को रात में पसीना आने लगता है.
- हार्मोनल इम्बैलेंस – महिलाओं में मेनोपॉज या हार्मोनल बदलाव की वजह से भी रात में पसीना आ सकता है. इस दौरान बेचैनी और नींद न आने जैसी दिक्कतें होती है.
- प्रोस्टेट कैंसर- पुरुषों में यह समस्या प्रोस्टेट कैंसर का लक्षण भी हो सकती है. खासतौर पर इलाज के दौरान भारी दवाओं के चलते रात में ज्यादा पसीना आ सकता है.
- हार्ट डिजीज- दिल की बीमारियां या हार्ट अटैक आने से पहले भी शरीर बार-बार पसीना छोड़ सकता है. इसलिए ऐसी स्थिति में जांच कराना जरूरी है.
- मोटापा- ज्यादा वजन वाले लोगों को रात में पसीना आने की समस्या ज्यादा होती है, क्योंकि उनके शरीर में गर्मी ज्यादा पैदा होती है.
रात में पसीना आने के बचाव व उपाय
- विशेषज्ञों का कहना है कि जो महिलाएं रजोनिवृत्ति के करीब पहुंच रही हैं और रजोनिवृत्ति से गुजर रही हैं, उन्हें अपने आहार में कई बदलाव करने चाहिए. दैनिक आहार में मसाले और मिर्च से परहेज करने की सलाह दी जाती है.
- अपने वजन को नियंत्रण में रखने से रात में पसीने की समस्या भी कम हो सकती है. इसके लिए विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार पौष्टिक भोजन खाने और रोजाना व्यायाम करने की सलाह दी जाती है.
- कैफीन, मसाले, वसायुक्त भोजन, चॉकलेट से दूर रहें तो बेहतर है.
- कुछ लोगों में, कुछ दवाओं के कारण पसीना आ सकता है. किसी विशेषज्ञ से पूछना बेहतर है कि क्या ऐसे लोग विकल्प के रूप में अन्य दवा का उपयोग कर सकते हैं.
- मानसिक तनाव और चिंता को कम करने के लिए पसंदीदा गतिविधियां करें. विशेषज्ञों का कहना है कि आहार में जरूरी बदलाव करना बेहतर है.
इसे भी पढ़ें:-यमुना का जलस्तर घटा, अब बीमारियों का खतरा बढ़ा, राहत कैंपों में मेडिकल टीमें तैनात