Delhi News: दिल्ली के नरेला स्थित एक ऐतिहासिक जल निकाय पर अवैध अतिक्रमण किया गया है। जिसको लेकर कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई कदम नहीं उठाया गया हैं। इस मामले से जुड़ी एक याचिका राष्ट्रीय हरित अधिकरण को मिली है।
याचिकाकर्ता राम चंद्र भारद्वाज ने अपनी याचिका में कहा कि नरेला के सेक्शन ए-10 में 84 बीघा क्षेत्रफल में बना एक ऐतिहासिक जल निकाय है। आवेदक का कहना है कि इस जल निकाय का निर्माण चांद नामक राजा ने निर्माण करवाया था और इसका उपयोग जल में खेल खेलने के लिए किया जाता था।
सप्ताह पहले जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी
ऐसे में अदालत ने दिल्ली सरकार समेत अन्य दूसरे प्रतिवादियों को ई-फाइलिंग के माध्यम से सुनवाई की अगली तारीख 18 सितंबर से कम से कम एक सप्ताह पहले जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया है। पीठ ने कहा कि यदि कोई प्रतिवादी अपने वकील के माध्यम से जवाब दाखिल किए बिना सीधे जवाब दाखिल करता है तो उक्त प्रतिवादी अधिकरण की सहायता के लिए वस्तुतः उपस्थित रहेगा। पीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. अफरोज अहमद भी शामिल रहें।
राजस्व विभाग में भी रिकॉर्ड उपलब्ध
कोर्ट में सुनवाई के दौरान आवेदक के वकील संदीप भारद्वाज ने कहा कि यह एक जल निकाय है। इसके लिए उन्होंने राजस्व रिकॉर्ड का हवाला दिया। आवेदक का कहना है कि उपरोक्त जल निकाय पर अतिक्रमण किया गया है और इसे पुनर्जीवित करने का कोई प्रयास नहीं किया गया है।
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