India 16th Census: भारत की जनसंख्या की जनगणना वर्ष 2027 के दौरान की जाएगी. इसके लिए केंद्र सरकार ने राजपत्र अधिसूचना भी जारी कर दी है. बता दें कि यह जनगणना भारत की 16वीं तथा स्वतंत्रता के बाद की 8वीं जनगणना होगी. सरकारी सूत्रों के मुताबिक, यह जनगणना पूरी तरह डिजिटल होगी, जिसके लिए मोबाइल ऐप तैयार किए जाएंगे और उसी में जनगणना से जुड़ी सभी जानकारी एकत्र की जाएगी. बता दें कि यह ऐप 16 भाषाओं में उपलब्ध होंगे.
इतना ही नहीं, इस जनगणना के दौरान नागरिकों के लिए स्व-गणना (सेल्फ-एन्यूमरेशन) की सुविधा भी उपलब्ध होगी. इसके अलावा, डाटा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संग्रह, संचरण और भंडारण के दौरान कड़े सुरक्षा उपाय किए जाएंगे. बता दें कि इससे पहले भारत में जनगणना वर्ष 2011 में हुई थी और यह जनगणना 16 वर्षों के अंतराल के बाद होगी.
इस दिन से शुरू होगी जनगणना
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पर अपने एक पोस्ट में कहा कि ’16वीं जनगणना में पहली बार जाति गणना शामिल होगी. 34 लाख गणक और सुपरवाइजर, 1.3 लाख जनगणना पदाधिकारी आधुनिक मोबाइल और डिजिटल उपकरणों के साथ यह कार्य करेंगे. गृह मंत्री ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख और हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड में 1 अक्टूबर, 2026 से और देश के बाकी हिस्से में 1 मार्च, 2027 से जातियों की गणना और जनगणना का कार्य शुरू होगा.’
दो चरणों में की जाएगी जनगणना
बता दें कि यह जनगणना दो चरणों में की जाएगी, जिसके पहले चरण यानी मकान सूचीकरण और मकानों की गणना (एचएलओ) में प्रत्येक परिवार की आवासीय स्थिति, संपत्ति और सुविधाओं का विवरण एकत्र किया जाएगा. इसके बाद दूसरे चरण (जनसंख्या गणना) में प्रत्येक घर के हर व्यक्ति की जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और अन्य विवरण एकत्र किए जाएंगे.
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