वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महिला उद्यमियों को सौंपा ऋण स्वीकृति पत्र

जम्‍मू-कश्‍मीर। केंद्रीय वित्त व कारपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने सीबीडीटी और सीबीआईसी के अधिकारियों से बदलाव के एजेंट बनने और सरकार से उनकी अपेक्षाओं का पता लगाने के लिए उद्योग व व्यावसायिक लोगों तक पहुंच बढ़ाने पर जोर दिया है। उन्होंने क्षेत्र के करदाताओं के लिए बेहतर करदाता सेवाएं प्रदान करने के लिए आधिकारिक प्रक्रिया को और अधिक सुलभ और सुविधाजनक बनाने को कहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) श्रीनगर में कर प्रशासकों और हितधारकों के साथ बातचीत कर रही थीं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने श्रीनगर में प्रदेश स्तर के आयकर विभाग के पहले नए कार्यालय सह आवासीय परिसर द चिनार को आम जनता को समर्पित किया। केंद्रीय वित्त मंत्री ने जम्मू कश्मीर के लोगों को द चिनार आयकर भवन और उससे जुड़ी सुविधाओं को चालू करने के प्रयासों में उनके योगदान के लिए धन्यवाद किया। यह आयकर कार्यालय क्षेत्र के लोगों को सर्वोत्तम करदाता सेवाओं से जोड़ने और मदद करने के लिए एक सेतु के रूप में कार्य करेगा। आयकर सेवा केंद्र के माध्यम से लोगों के लिए सुलभ सुविधाएं बढ़ेंगी। क्षेत्र के विकास में लोगों की भागीदारी के लिए एक सक्षम वातावरण प्रदान करेगा। वर्ष 2005 में आयकर कार्यालय पर हुए आतंकी हमले के बाद इसे कई बार स्थानांतरित किया गया था। 14 साल बाद इसे स्थायी स्थान मिला है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महिला उद्यमियों को ऋण संबंधी विभिन्न योजनाओं के स्वीकृति पत्र सौंपे। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने महिला उद्यमियों के लिए हौसला, साथ जैसे कौशल विकास, विपणन सहायता और परामर्श देने संबंधी कई कार्यक्रम शुरू किए हैं। उन्होंने मधुमक्खी पालन, डेयरी, हस्तशिल्प, पत्रकारिता, तांबे के काम और फर्नीचर निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाली महिला उद्यमियों से बातचीत की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को 70 से अधिक वर्षों तक विकास से वंचित रखा गया था, लेकिन अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद सरकार का लक्ष्य केंद्र शासित प्रदेश के प्रत्येक नागरिक तक पहुंचना और उन्हें उनका हक देना है। पिछले कुछ वर्षों में आतंकवाद के कारण लगभग 40 हजार लोग मारे गए हैं। अब परिसीमन आयोग का भी गठन किया गया है। डीडीसी के चुनावों ने दिखाया है कि लोग अपने सपनों की आकांक्षाओं के पूरा होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के लिए विकास एक ऐसी चीज है जो लंबे समय से अटकी हुई थी। बुनियादी ढांचे की कमी रही। बिजली जैसी सुविधा का भी अभाव रहा, जबकि यहां 20 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन की संभावना है। यदि इस क्षमता का उपयोग होता तो यह यहां की अर्थव्यवस्था तथा विकास के लिए चमत्कार कर सकता है। उन्‍होंने कहा कि आम लोगों की आकांक्षाएं होती हैं और हर नागरिक को जगह दी जानी चाहिए। अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद यही दिया जा रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महिला उद्यमियों से बात करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में उद्यमिता और उद्योग को निरंतर समर्थन सुनिश्चित करने के लिए सरकार पहले क्षेत्र आधारित छूट योजना के तहत संचालित इकाइयों के लिए बजटीय सहायता योजना को परिव्यय बढ़ा रही है। उन्होंने महिला उद्यमियों की जमीन से प्रेरक संघर्ष को सुना। उन्‍होंने कहा वे जमीनी स्तर पर अपने समाज को लाभ पहुंचाने के लिए चुनौतियों से ऊपर उठीं। कश्मीर की भूमि मां शारदा की भूमि है। वह परम शक्ति से भरपूर ज्ञान संचालित ऊर्जा है जो यहां से निकली है। उन्होंने श्रीनगर में मिशन यूथ कार्यक्रम और बाहरी सहायता प्राप्त परियोजनाओं (ईएपी) का शुभारंभ किया। मिशन यूथ के तहत सुपर-75 छात्रवृत्ति योजना के तहत छात्रों को 1 लाख रुपये के चेक वितरित किए।

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