साइबर अटैक भारत में सबसे ज्यादा, PMO से लेकर इसरो तक हुए हमले

नई दिल्ली। भारत में इंटरनेट का प्रयोग जिस तेजी से बढ़ रहा है, उसी तेजी से साबइर सुरक्षा की चिंताएं भी बढ़ रही हैं। पीएमओ से लेकर सेना तक के कंप्यूटर साइबर अपराधियों के शिकार हो चुके हैं।

इस्राइली साइबर सुरक्षा फर्म हडसन रॉक के मुताबिक, दुनिया में सबसे ज्यादा भारत में 56,0044 कंप्‍यूटर कॉम्प्रोमाइज्ड हैं। भारत के बाद 5.26 लाख ब्राजील, 3.54 लाख इंडोनेशिया और 2.64 लाख अमेरिकी कंप्यूटरों के साथ साइबर अपराधियों ने छेड़छाड़ कर इनका डाटा चुराया है। शीर्ष दस देशों में मिस्र, वियतनाम, तुर्की, फिलीपींस, मेक्सिको और पाकिस्तान भी शामिल हैं। हडसन रॉक ने कॉम्प्रोमाइज्ड कंप्यूटर रिपोर्ट में बताया कि पूरी दुनिया में इंटरनेट से जुड़ी 11,221,949 डिवाइस के साथ साइबर अपराधी छेड़छाड़ कर चुके हैं। इसके अलावा विभिन्न संस्थानों के करीब 1,342,293 यूजरों का डाटा चोरी हुआ है। कंप्यूटरों में मालवेयर के मामले में पूरी दुनिया में शीर्ष पर भारत है।

हडसन रॉक के सह-संस्थापक व मुख्य तकनीक अधिकारी एलॉन गाल ने बताया कि पूरी दुनिया में कंप्यूटरों से जानकारियां चुराने के लिए मालवेयर का इस्तेमाल किया जाता है। अक्सर ये मालवेयर गूगल या दूसरे जरियों से यूजर को दिखाए जा रहे विज्ञापनों में छिपे होते हैं। यूजर जैसे ही विज्ञापन लिंक पर क्लिक करते हैं, वे साइबर अपराध का शिकार हो जाते हैं। इसके अलावा कई अहम वेबसाइटों पर सीधे तौर पर भी साइबर हमले किए जाते हैं। किसी भी वेबसाइट पर हमले के लिए सबसे आसान तरीका होता है कि उसके यूजर डाटा को चुराकर वेबसाइट को एक्सेस किया जाए। इसमें सबसे अहम डाटा यूजर आईडी और लॉगइन पासवर्ड होते हैं। इनके जरिये साइबर अपराधी यूजर के लिए ऑथराइज्ड इन्क्रिप्टेड जानकारी को हासिल कर पाते हैं।

इसरो की वेबसाइट पर सबसे ज्यादा हमले:-

भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट pmindia.gov.in के करीब 170 यूजर को कॉम्प्रोमाइज्ड बताया गया है। इसके अलावा इस वेबसाइट से जुड़े 13 यूआरएल को निशाना बनाने की कोशिश की है। हालांकि, वे यहां से डाटा चुराने में कामयाब रहे यह स्पष्ट नहीं है। गृह मंत्रालय के 200 यूजर के साथ साइबर छेड़छाड़ हुई है, साथ ही मंत्रालय की वेबसाइट mha.gov.in के 59 यूआरएल को साइबर अपराधियों ने निशाना बनाने का प्रयास किया है। इसरो के 1,075 यूजर का डाटा साइबर अपराधियों ने चुराया है। इसके अलावा वेबसाइट isro.gov.in के 64 यूआरएल को निशाना बनाया गया है। वायुसेना की वेबसाइट indianairforce.nic.in के 13 यूजर का डाटा चुराया गया है। डीआरडीओ की वेबसाइट drdo.gov.in के 130 यूजर का डाटा चोरी हुआ है।

भारत में सुरक्षा के लिए सतर्कता कम:-
साइबरज्ञान व साइब्रोटेक के संस्थापक व साइबर सुरक्षा सलाहकार अनुज अग्रवाल के मुताबिक, भारतीय यूजर साइबर सुरक्षा के प्रति सतर्क नहीं रहते हैं। बड़ी तादाद में भारत में पाइरेटेड सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है। पाइरेटेड सॉफ्टवेयर, गेम्स, मूवीज, म्यूजिक व मोबाइल एप का लालच देकर साइबर अपराधी यूजर की डिवाइस में घुसते हैं। इसके अलावा कंप्यूटर का रिमोट एक्सेस देने वाले सॉफ्टवेयर व लोन एप भी मालवेयर का बड़ा स्रोत हैं। ज्यादातर यूजर लालच और अज्ञानता की वजह से खुद ही साइबर अपराधियों को डाटा के खजाने की चाबी सौंप देते हैं।

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