बच्चों की लंबाई को बढ़ाने के लिए इन चार योगासनों को रूटीन में करें शामिल…

स्‍वास्‍थ्‍य। कोरोना महामारी के कारण बच्चों ने घर से निकलना कम कर दिया है। अधिक शारीरिक गतिविधि न करने, जनक फूड खाने और एक्सरसाइज की कमी के कारण बच्चों का शारीरिक विकास नहीं हो पाता। ऐसे में उनका शरीर कमजोर होने के साथ ही बच्चों की हाइट भी धीरे बढ़ती है या फिर अधिक हाइट नहीं बढ़ पाती। बच्चों की सही तरीके से लम्बाई बढ़ने की एक उम्र होती है। ऐसे में अगर आपके बच्चे की भी लंबाई अन्य बच्चों की तुलना में कम है और आप उनकी हाइट बढ़ने को लेकर चिंता में हैं तो कुछ जरूरी बातें जान लें। बच्चों की हाइट बढ़ाने के लिए उनसे नियमति योगा करवाएं। आज हम आपको बच्चों की लम्बाई बढ़ाने वाले चार आसान और फायदेमंद योगासन बताने जा रहे हैं। इन चार योगासनों से न केवल उनकी हाइट जल्दी बढ़ेगी, बल्कि शरीर भी मजबूत होगा। धनुरासन:- इस आसन को करने के लिए पेट के बल लेटकर जाएं। घुटनों को मोड़ते हुए टखनों को हथेलियों से पकड़ें। फिर दोनों पैरों और बांहों को जितना हो सके ऊपर की ओर उठाएं। ऊपर देखते हुए कुछ देर के लिए इसी अवस्था में रहें। बाद में पुरानी पोजीशन में आ जाएं। चक्रासन:- इस आसन में आप D की आकृति बनाते हैं जिससे आपके पेट से लेकर रीढ़ की हड्डी तक खिंचाव होता है। सबसे पहले अपनी पीठ के बल सीधे होकर लेट जाएं और अपने दोनों पैरों को मोड़कर जमीन पर रखें। अब अपने हाथों को कंधों के पास ले जाकर इस तरह से रखें कि आपके हाथ की उंगलियां कंधे की ओर फैली रहें। फिर अपने शरीर के मध्य भाग को धीरे-धीरे आराम से हाथ और पैरों के सहारे ऊपर की ओर उठाएं। इस अवस्था में शरीर को कुछ देर रखें और फिर पुनः उसी अवस्था में वापस आ जाएं। पश्चिमोत्तानासन:- सबसे पहले एक समतल स्थान पर मैट बिछाकर बैठ जाएं और अपने पैरों को सामने की तरफ फैलाएं। अब सांस लेते हुए अपने शरीर को आगे ओर ले जाएं और अपने हाथों से पैर के अंगूठे को पकड़ने की कोशिश करें या फिर ऐसे ही अपने शरीर को जितना हो सके आगे ले जाएं। अब अपने सिर को घुटनों पर लगाने का प्रयास करें और कुछ देर इसी अवस्था में रहें। वृक्षासन:- इस आसन को करने के लिए सूर्य की दिशा में मुख करके सावधान की अवस्था में खड़े हो जाएं। अब दोनों हाथों को हवा में ऊपर की ओर लेकर जाएं और नमस्कार की मुद्रा बना लें। अपने बाएं पैर के पंजे को दाएं पैर की जांघ पर लगाकर वृक्ष की तरह खड़े हो जाएं। अपनी क्षमता अनुसार कुछ देर तक संतुलन बनाकर रखें। अब वापस सावधान की मुद्रा में आ जाएं।

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