गोरखपुर। गोरखपुर जिले में मुख्यमंत्री के जनता दर्शन में आने वाले प्रार्थनापत्र की जांच के लिए सीओ स्तर के अधिकारी को नामित किया जाए। हर प्रार्थनापत्र की जांच की जाए, ताकि पता चले कि किस मामले में कार्रवाई हुई और किसमें नहीं। कार्रवाई योग्य थी तो किस स्तर पर लापरवाही हुई, इसकी भी जानकारी होनी चाहिए। कार्रवाई होने पर पीड़ित से सीओ खुद वार्ता करें और उन्हें संतुष्ट करें। एडीजी अखिल कुमार ने एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु को इस संबंध में निर्देशित किया है। इसकी रिपोर्ट जोन कार्यालय को भी उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। एडीजी दफ्तर से मिली जानकारी के मुताबिक जनता दर्शन के दौरान दिए गए प्रार्थनापत्र के संबंध में आवेदक से नामित अधिकारी खुद बात करके यह जानकारी करेंगे कि इससे पहले आवेदक द्वारा इस प्रकरण में किन-किन स्तरों पर प्रार्थनापत्र दिया गया। यह भी समीक्षा किया जाए कि प्रकरण निस्तारित न होने का कारण क्या रहा है। क्या प्रकरण निस्तारण योग्य होने के बावजूद किसी स्तर पर लापरवाही की गई? जिससे कि आवेदक को मुख्यमंत्री तक प्रार्थनापत्र देने को विवश होना पड़ा या प्रकरण में जो भी कार्रवाई नियमानुसार की जाने योग्य थी, वह की जा चुकी है? एडीजी अखिल कुमार ने बताया कि एसएसपी को निर्देशित किया गया है कि वह जनता दर्शन के दौरान पुलिस से संबंधित आई शिकायतों के लिए सीओ को नामित करें, जोकि जांच करें और विस्तृत रिपोर्ट जोन कार्यालय को उपलब्ध कराएं।