गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रावण मास की शुरुआत पर रविवार की सुबह गोरखनाथ मंदिर में जनकल्याण के लिए रुद्राभिषेक किया। मंदिर स्थित अपने आवास के शक्तिपीठ में एक घंटे तक चले अनुष्ठान में उन्होंने आम के रस, 11 लीटर दूध, जल, दही, घी, शक्कर, शहद, गंगा जल और गन्ने के रस से महादेव भगवान शिव का अभिषेक किया। उन्हें बेलपत्र, सफेद कमल, लाल कमल, कनेर, शमी पत्र, दूब, कुशा, राई, गुड़हल, धतूरा, भांग और श्रीफल भी चढ़ाया। रुद्राभिषेक अनुष्ठान की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के साथ हुई। उसके बाद मुख्यमंत्री ने भगवान शिव और द्वादश ज्योतिर्लिंग का पूरे विधि-विधान के साथ षोडशोपचार पूजन किया। रुद्राभिषेक को मंदिर के प्रधान पुरोहित रामानुज त्रिपाठी वैदिक के नेतृत्व में संपन्न कराया गया। उनके साथ वैदिक मंत्रोच्चार करने वालों में डॉ. अरविंद चतुर्वेदी, डॉ. रोहित मिश्र, पं. पुरुषोत्तम चौबे, नित्यानंद तिवारी, शुभम मिश्र, शशांक शास्त्री शामिल रहे। इस दौरान मंदिर के प्रधान पुजारी कमलनाथ, द्वारिका तिवारी, वीरेंद्र सिंह, विनय कुमार गौतम, दुर्गेश बजाज, आनंद गुप्ता आदि भी मौजूद रहे। गोरखनाथ मंदिर में रविवार की सुबह मुख्यमंत्री की दिनचर्या परंपरागत रही। तड़के पांच बजे उन्होेंने सबसे पहले बाबा गोरखनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई और उनकी पूजा-अर्चना की। उसके बाद अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के समाधि स्थल पर जाकर उनका आशीर्वाद लिया। हमेशा की तरह मंदिर परिसर का भ्रमण करने के बाद वह गोशाला में गए और आधे घंटे गायों के बीच रहे। उन्हें दुलारा-पुचकारा और अपने हाथ से गुड़-चना भी खिलाया। इसी क्रम में लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए वह हिंदू सेवाश्रम गए, जहां तड़के से अपनी समस्या कहने के लिए गोरखपुर और उसके आसपास के जिलों के फरियादी पहुंचे हुए थे। समस्याएं सुनने के बाद मुख्यमंत्री सिद्धार्थनगर के लिए रवाना हो गए।