लखनऊ। केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश के 152 रेलवे स्टेशनों को आदर्श स्टेशन बना रही है। इसके लिए रेलवे मंत्रालय चिन्हित स्टेशनों को विकसित करने का काम शुरू कर चुका है और ज्यादातर स्टेशन तैयार हो चुके हैं। बचे हुए रेलवे स्टेशनों पर काम अगले साल तक पूरा हो जाएगा। आदर्श बनाए जा रहे स्टेशनों में माडर्न सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इनके विकसित होने के बाद पैसेंजरों को काफी सुविधा होंगी। लोकसभा में बुधवार को उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से सांसद उपेन्द्र सिंह रावत ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से उत्तर प्रदेश के स्टेशनों को विकसित करने को लेकर सवाल पूछा। जवाब में रेल मंत्री ने बताया कि प्रदेश में आदर्श स्टेशन बनाए जा रहे है। 152 में से 131 पर काम पूरा हो चुका है और बचे हुए 21 स्टेशनों पर काम काम साल 2021-22 तक पूरा हो जाएगा। यानी मार्च 2022 तक उत्तर प्रदेश के 152 स्टेशन माडर्न हो जाएंगे. बड़े स्टेशनों जैसी सुविधाएं इन स्टेशनों पर भी उपलब्ध होंगी। जानें क्या सुविधाएं होंगी स्टेशनों परआदर्श स्टेशन के तहत स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया को विकसित करना, रेस्ट रूम, वेटिंग रूम (नहाने की सुविधा के साथ), महिलाओं के लिए अलग से वेटिंग रूम, कंप्यूटर आधारित अनाउंसमेंट, संकेतक, पे एंड यूज टॉयलेट, वाटर कूलर, प्लेटफार्म ऊंचे करना, एफओबी का निर्माण, सुर्कलेटिंग एरिया में रैंप, दिव्यांगजनों और सीनियर सिटीजन के लिए स्टेशन के प्रवेश द्वार रैंप आदि का निर्माण कर स्टेशनों को विकसित किया जाता है।