गोरखपुर। ड्रोन तकनीकी की बढ़ती जरूरत के मद्देनजर मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) परिसर में ड्रोन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जाएगा। यह प्रदेश का पहला ड्रोन सेंटर आफ एक्सिलेंस होगा। इसके लिए आईआईटी हैदराबाद से करार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। विश्वविद्यालय सेंटर में विद्यार्थी ड्रोन के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर पर शोध कर सकेंगे। कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के 20 विद्यार्थियों ने शोध के लिए रूचि दिखाई है। इस संबंध में विवि के इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग विभाग में लैब की स्थापना की जा चुकी है। ड्रोन प्रोजेक्ट के मुख्य अन्वेषक प्रो. एस के सोनी ने बताया कि यह कृषि से लेकर रक्षा और सुरक्षा तक के कार्यों में इस्तेमाल किया जा रहा। इसे देखते हुए ही ड्रोन टेक्नालॉजी को शोध के जरिए और विकसित करने की योजना विश्वविद्यालय द्वारा बनाई गई है। कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने कहा कि बीते कुछ वर्षों में ड्रोन की उपयोगिता और मांग दोनों बढ़ी है। इसे देखते हुए विश्वविद्यालय में ड्रोन लैब की स्थापना की गई है और अब ड्रोन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को स्थापित करने की तैयारी चल रही है। इस सेंटर में ड्रोन के नए-नए अप्लीकेशन पर काम होगा, जिससे समाज को और उपयोगी ड्रोन उपलब्ध कराया जा सके।