Gupt Navratri 2024: इस दिन से शुरू हो रही हैं गुप्‍त नवरात्रि, जानिए क्‍या है घटस्थापना का सही मुहूर्त और महत्व

Gupt Navratri 2024: नवरात्र को साल के सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है. नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के नौवों रूपों की पूजा की जाती है. हालांकि नवरात्र का शाब्दिक अर्थ ही है देवी को समर्पित नौ पवित्र रातें. वैसे तो साल में दो नवरात्रि, चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि के बारे में तो सभी लोग जानते है, लेकिन क्‍या आपको पता है कि साल में दो नहीं बल्कि चार नवरात्रि होता है. जी हां.

आपको बता दें कि साल में चार बार नवरात्रि आती हैं, चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि ये दोनों नवरात्रि प्रसिद्ध हैं और इसे सभी लोग जानते है, लेकिन इसके अलावा भी अन्य दो गुप्त हैं इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri 2024) के नाम से भी जाना जाता है. दरअसल, गुप्त नवरात्रि माघ और आषाढ़ माह के दौरान आती है. ऐसे में चलिए जानते है कि इस साल की पहली यानी माघ माह की गुप्त नवरात्रि कब है और इसका क्‍या महत्‍व होता है.

Gupt Navratri 2024: घटस्थापना का सही समय और तिथि

प्रतिपदा तिथि का आरंभ: 10 फरवरी 2024 – सुबह 04:28

प्रतिपदा तिथि का समापन: 11 फरवरी 2024 – दोपहर 12:47

मीना लग्न का प्रारंभ: 10 फरवरी 2024 – सुबह- 08:09

मीना लग्न का समापन: 10 फरवरी 2024 – सुबह -09:43

घटस्थापना का मुहूर्त: 10 फरवरी 2024 – सुबह 08:09 बजे से 09:43 बजे तक

घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त: 10 फरवरी 2024 – सुबह 11:38 बजे से दोपहर 12:24 बजे तक

Gupt Navratri 2024: धार्मिक महत्व

गुप्त नवरात्र हिंदुओं के बीच एक खास धार्मिक महत्व रखती है. गुप्‍त नवरात्रि (Gupt Navratri 2024) के पूरे नवों दिन पूरी तरह से देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित हैं. साल में कुल चार बार नवरात्र आती है उस वक्‍त साधक पूरे सच्चे भाव के साथ मां दुर्गा की पूजा करते हैं. वहीं, गुप्‍त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की पूजा भी गुप्‍त तरीके से ही की जाती है. और इसका सीधा संबंध तंत्र विद्या से होता है. आपको बता दें कि माघ माह की गुप्‍त नवरात्रि 10 फरवरी 2024 से शुरू हो रही है.

सभी साधक और तांत्रिक गुप्‍त नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा की पूजा उपासना करते हैं और देवी का आशीर्वाद मांगते हैं. सभी साधकों और तांत्रिकों के लिए विभिन्न पूजा अनुष्ठान जैसे हवन, तांत्रिक मंत्र का जाप, शाबर मंत्र का जाप, ध्यान, हठ योग और सख्त उपवास करके सिद्धि प्राप्त करने का सही समय होता है.

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