Ayodhya: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अयोध्या के राम मंदिर के शिखर पर औपचारिक रूप से भगवा ध्वज फहराया. इस दौरान उनके साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे. राम मंदिर के शिखर पर ध्वज फहराने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि 500 साल के संघर्ष के बाद सपना पूरा हो गया है. सदियों पुराने घाव भर रहे हैं. उन्होंने राम ध्वज के 13 अर्थ भी बताए. साथ ही कहा कि अब तक 45 करोड़ भक्त रामलला के दर्शन कर चुके हैं. उन्होंने 2047 तक विकसित भारत के संकल्प और गुलामी की मानसिकता को खत्म करने का आह्वान भी किया.
यह ध्वज निर्माण के संघर्ष की एक कहानी है- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा, ‘राम मंदिर के शिखर पर फहरा रहा यह ध्वज केवल एक ध्वज नहीं है. यह पूरी तरह से भारतीय सभ्यता के कायाकल्प का ध्वज है. भगवा रंग, सूर्यवंश का निशान, ओम शब्द और कोविदारा वृक्ष राम राज्य की महिमा दिखा रहे हैं. ऐसा राम राज्य जहां सत्य ही धर्म है, कोई भेदभाव या दर्द न हो, शांति और खुशी हो, कोई गरीबी न हो और कोई लाचार न हो. यह ध्वज एक संकल्प है, एक सफलता है, निर्माण के संघर्ष की एक पूरी कहानी है, सैकड़ों सालों के संघर्ष का एक साकार रूप है. हमारी आने वाली हजारों सदियों तक यह ध्वज भगवान राम के मूल्यों का प्रचार-प्रसार करेगा.’
प्राण जाए, पर वचन न जाए: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि ये धर्मध्वज प्रेरणा बनेगा कि प्राण जाए, पर वचन न जाए अर्थात जो कहा जाए, वही किया जाए. ये धर्मध्वज संदेश देगा-कर्मप्रधान विश्व रचि राखा अर्थात विश्व में कर्म और कर्तव्य की प्रधानता हो. ये धर्मध्वज कामना करेगा-बैर न बिग्रह आस न त्रासा, सुखमय ताहि सदा सब आसा यानी भेदभाव, पीड़ा, परेशानी से मुक्ति और समाज में शांति एवं सुख हो.
एक हजार साल के लिए संकल्प
पीएम मोदी ने कहा, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर मैंने कहा था, हमें एक हजार साल के लिए संकल्प को लेकर आगे बढ़ना होगा. हमें वर्तमान के साथ भावी पीढ़ी के बारे में भी सोचना होगा. जब हम नहीं थे, ये देश तब भी था. जब हम नहीं होंगे, ये देश तब भी रहेगा. हमें आने वाली सदियों को ध्यान में रखना ही होगा. इसके लिए हमें प्रभु श्रीराम से सीखना होगा. हमें उनके व्यक्तित्व और व्यवहार को समझना होगा. राम यानी आदर्श, मर्यादा, सत्य और पराक्रम का संगम…
आजादी मिली, लेकिन हीन भावना से मुक्ति नहीं
पीएम मोदी ने कहा, मैकाले नाम के अंग्रेज अफसर ने भारत को उसकी संस्कृति से उखाड़ने की नींव रखी थी. गुलामी की मानसिकता से पूरी तरह मुक्ति जरूरी है. 10 साल बाद उस घटना के 200 साल पूरे हो रहे हैं. आने वाले 10 सालों तक भारत को गुलामी की मानसिकता से मुक्त करके रहेंगे.
आज 500 साल के यज्ञ की पूर्णाहुति है- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘आज पूरा भारत, पूरा विश्व राम-मय है. हर राम भक्त के दिल में अद्वितीय संतोष है. असीम कृतज्ञता है. अपार अलौकिक आनंद है. आज उस यज्ञ की पूर्णाहुति है, जिसकी अग्नि 500 साल तक प्रज्वलित रही. आज भगवान राम की ऊर्जा भव्य राम मंदिर के शिखर पर इस धर्म ध्वजा के रूप में स्थापित है.’
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