समता के विकास से ही व्यक्ति सभी परिस्थितियों को झेलने में होंगे सक्षम

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि छोटी-छोटी बातों की गांठें मन में नहीं बांधना चाहिए- जीवन में यदि समता है तो समझो आप शरीर से भी स्वस्थ हैं मन से भी स्वस्थ हैं. जीवन में समता नहीं तो आप न शरीर से स्वस्थ होंगे और न ही मन से. समता का विकास इतना जरूरी है कि आने वाली प्रत्येक परिस्थिति को आप झेल सकें.

आज वैज्ञानिकों ने अनुसंधान कर यह सिद्ध किया है कि हृदय रोग, मानसिक रोग व असाध्य रोगों से काफी जनता पीड़ित है, उसके विभिन्न कारणों में कुछ कारण हैं मानसिक व भावनात्मक असंतुलन.

आज की पीढ़ी में क्रोध, प्रतिक्रिया, प्रतिस्पर्धा और असहिष्णुता का ऐसा दौर बढ़ रहा है कि वह छोटी-छोटी बातों की मन में गांठ बांध लेते हैं.ऐसी गांठे ही आगे जाकर मानसिक रोग जैसी असाध्याय बीमारियों की सर्जक है. इन असाध्य रोगों से मुक्त होने के लिये मन को सरल व सहज बनाना होगा. क्षमा करना व क्षमा मांग लेना सीखना होगा. छोटी-छोटी बातों की गांठे बंधना छोड़ना होगा. सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).

 

		

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