UP News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अगले 6 महीने तक प्रदेश में किसी भी तरह के हड़ताल पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. प्रदेश में आवश्यक सेवाओं को सुचारु बनाए रखने के उद्देश्य से एस्मा लागू किया गया है. प्रमुख सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक एम देवराज ने इस संबंध में सभी विभागों को अधिसूचना जारी कर दी है. अधिसूचना में साफ कहा गया है कि अगले 6 महीने तक कोई भी सरकारी कर्मचारी हड़ताल की घोषणा नहीं कर सकेगा और न ही किसी भी तरह की हड़ताल में हिस्सा ले सकेगा. यदि कोई कर्मचारी नियम तोड़ता है, तो उसके खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें सख्त दंड का प्रावधान है.
हड़तालों से सेवाएं हो रही थी प्रभावित
सरकार के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों से कई विभागों में कामकाज लगातार प्रभावित हो रहा था. इससे आम लोगों को दिक्कतें बढ़ रही थीं. स्वास्थ्य, बिजली, पानी, परिवहन, सफाई और प्रशासन जैसे विभागों में हड़तालों के कारण सेवाएं बाधित हो रही थीं. सरकार का कहना है कि जनहित सबसे पहले है और जनता की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए यह सख्त कदम उठाना जरूरी था.
किन पर लागू होगा एस्मा?
एस्मा राज्य सरकार के सभी दफ्तर, सरकारी निगम, विकास प्राधिकरण, नगर निगम और स्थानीय निकाय, प्रदेश सरकार के नियंत्रण वाले सभी विभाग, इन सभी जगहों पर अब किसी भी तरह की बंदी, धरना, प्रदर्शन या सामूहिक अवकाश को हड़ताल माना जाएगा और प्रतिबंधित रहेगा.
कर्मचारियों पर क्या असर पड़ेगा?
एस्मा लागू होने के बाद कर्मचारी हड़ताल की घोषणा नहीं कर सकते, किसी आंदोलन का हिस्सा नहीं बन सकते, नियम तोड़ा तो कार्रवाई झेलनी पड़ सकती है. एस्मा में निलंबन सहित अन्य दंडात्मक कार्रवाई का भी प्रावधान है. सरकार ने कर्मचारियों से अपील की है कि वे अपनी मांगें बातचीत के जरिए रखें और जनता को होने वाली दिक्कतों को ध्यान में रखें. सरकार का कहना है कि यह फैसला किसी की आवाज दबाने के लिए नहीं, बल्कि सेवाओं को सुचारु रखने के लिए लिया गया है.
सरकारी कर्मचारियों की प्रतिक्रिया
सरकारी कर्मचारियों और संघों ने इस निर्णय को मिश्रित प्रतिक्रिया दी है. कुछ कर्मचारी मानते हैं कि यह कदम आवश्यक है ताकि विद्युत, पानी और स्वास्थ्य जैसी सेवाएं प्रभावित न हों, जबकि अन्य का कहना है कि यह कर्मचारियों के संवैधानिक अधिकारों पर रोक है. उत्तर प्रदेश कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ने कहा कि हड़ताल कर्मचारी का मूल अधिकार है. हालांकि हम जनहित की बात समझते हैं, लेकिन सरकार को कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान भी सुनना चाहिए.”
इसे भी पढ़ें:-दिल्ली-यूपी समेत कई राज्यों में शीतलहर का अलर्ट, पहाड़ी इलाकों में बारिश/बर्फबारी के आसार