परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के संकल्प से चल रहा श्रीराम कथा, भूषण जी महराज ने सुनाई राम-सीता विवाह प्रसंग

Ballia: नगर के टाउन डिग्री कालेज मैदान में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के संकल्प से चल रहे श्रीराम कथा में छठवें दिन प्रेम भूषण जी महराज ने राम-सीता विवाह के अयोध्या आगमन व वन प्रस्थान की कथा सुनाई। श्रीरामकथा के माध्यम से भारत सहित पूरी दुनिया के सनातन समाज में अलख जगाने के लिए सुप्रसिद्ध कथावाचक प्रेमभूषण महाराज ने कहा कि अगर आपका जीवन भक्ति भाव में रहता है तो यह निश्चित है कि आपका अगला जीवन भी भक्ति भाव में ही होगा।

अगर आपने सतकर्मों की पूंजी एकत्र की है तो फिर आपका अगला जन्म अच्छे कुल व माहौल में जरूर होगा। निरंतर भगवान से जुड़े रहेंगे तो सांसारिक गतिविधियां अपने आप कम हो जाएंगी। कहा कि सनातन सत्य को स्वीकार करते हुए हमें संसार के नियम कायदे कानून में चलते हुए भगवत भजन में भी निरंतर रहने की आवश्यकता है।

जब हम निरंतर भगवान से जुड़े रहेंगे तो धीरे-धीरे हमारी आवश्यकता और सांसारिक गतिविधियां अपने आप कम होती चली जाएंगी। मर्यादा में रहने वाला व्यक्ति या श्रेष्ठ व्यक्ति कभी भी साधन अथवा समस्या के लिए नहीं डरता है। वह अपने जीवन में केवल अपयश से ही डरता है। जीवन उसी का है जिसकी कीर्ति है। अपकीर्ति लेकर जीने वाला व्यक्ति मृतक के समान है।

राम के वन गमन के प्रसंग पर चर्चा करते हुए कहा कि रामजी के पिता महाराज दशरथ ने जब देवी कैकेई के दोनों वरदान सुने तो उन्हें सबसे बड़ी चिंता अपने यश पर लगने वाले प्रश्न को लेकर ही हुई। हमारे समाज के श्रेष्ठ व्यक्ति अगर मानस की इस शिक्षा पर अमल करने लगें तो पूरे समाज का कल्याण हो सकता है। इस दौरान व्यास पीठ की पूजा मंत्री की माताजी तेतरी देवी, अनुज धर्मेंद्र सिंह व उनके परिजनों ने किया।

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