Health tips: आजकल के लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से दिल की बीमारियाँ बढ़ती जा रही हैं. जब भी हार्ट डिजीज की बात होती हैं, तो मन में हमेशा 50 या 60 की उम्र के मरीजों की तस्वीर सामने आती है. हालांकि, अब इस बीमारी का ट्रेंड बदलने लगा है. दरअसल, पिछले कुछ समय से 40 साल से कम उम्र के लोगों में हार्ट डिजीज या हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं. ऐसे में इससे बचाव के लिए न सिर्फ समय पर इसकी पहचान जरूरी है, बल्कि इसकी वजह जानना भी जरूरी है.
कैपेसिटी कम होने के दो कारण
हार्ट की पंपिंग कैपेसिटी कम होने के दो कारण है, एक है, दिल की नाड़ियों में ब्लॉकेज का आना, दूसरा कारण है, दिल की मसल्स की बीमारी. डॉक्टर ने बताया कि, हार्ट अटैक अचानक नहीं आता है. शरीर आपको पहले ही संकेत दे देता है, जैसे चलने में सांस फूलना, थकान आना, खांसी आदि. ऐसे में आज यंग लोगों को इन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
शराब और तम्बाखू का सेवन
शराब और तम्बाखू का सेवन हृदय की सेहत के लिए सबसे बड़ा दुश्मन माना जाता है. शराब पीने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जिससे दिल पर दबाव पड़ता है. तम्बाकू में मौजूद निकोटिन रक्त वाहिकाओं को सिकोड़ देता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और धमनियों में जमा होता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है.
एक्सरसाइज नहीं करना
एक्सरसाइज न करने से दिल की सेहत पर बुरा असर पड़ता है. शारीरिक गतिविधियों की कमी से कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है. यह दिल की मांसपेशियों को कमजोर बना देता है और धमनियों में फैट जमा होने लगता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है. नियमित व्यायाम न करने से हृदय रोग और डायबिटीज जैसी समस्याएँ बढ़ सकती हैं.
खराब खानपान
हमारी खानपान की आदतें सीधे हमारे दिल की सेहत से जुड़ी होती हैं. फास्ट फूड, प्रोसेस्ड फूड्स, नमक, और चीनी का अधिक सेवन कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर को बढ़ाता है. इससे हृदय रोग की संभावना काफी बढ़ जाती है.
बहुत ज़्यादा स्ट्रेस लेना
स्ट्रेस को नज़रअंदाज करना दिल के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है. अत्यधिक तनाव से शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ता है, जिससे रक्तचाप बढ़ता है. मानसिक तनाव का प्रभाव केवल दिमाग पर नहीं पड़ता, बल्कि यह दिल की धड़कनों को असामान्य बना सकता है और हार्ट अटैक का कारण बन सकता है.
नींद पूरी नहीं होना
अच्छी और पूरी नींद हमारे शरीर और दिल के लिए बेहद आवश्यक है. जब शरीर पूरी नींद नहीं लेता, तो यह ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकता है. नींद की कमी से हॉर्मोनल असंतुलन हो सकता है, जिससे वजन बढ़ता है और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है.
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