Axiom 4: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर ऐतिहासिक मिशन पूरा कर लिया है. वे पिछले महीने अंतरिक्ष में गए थे. वे भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री बने, जिन्होंने ISS पर कदम रखा और कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोग किए.
कब होगी स्पेसक्राफ्ट की लैंडिंग
राजधानी लखनऊ निवासी ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष से वापसी का काउंटडाउन शुरू हो गया है. 18 दिन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में बिताने के बाद वे अब धरती पर लौटने को तैयार हैं. आज यानी 14 जुलाई की शाम 4:30 बजे उनके स्पेसक्राफ्ट की आईएसएस से अनडॉकिंग होगी, जबकि 15 जुलाई को दोपहर 3 बजे वे कैलिफोर्निया के निकट प्रशांत महासागर में लैंड करेंगे.
कैसे होगी वापसी?
वापसी की प्रक्रिया को अनडॉकिंग कहा जाता है, जिसमें ड्रैगन कैप्सूल ISS से अलग होकर पृथ्वी की ओर यात्रा शुरू करता है. यह प्रक्रिया पूरी तरह से कंप्यूटर नियंत्रित होती है, जिसमें स्पेसक्राफ्ट की गति और दिशा को सटीकता से नियंत्रित किया जाता है ताकि वह सुरक्षित तरीके से पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर सके. ISS से पृथ्वी तक की यात्रा में आमतौर पर 6 से 20 घंटे का समय लग सकता है. यह समय मौसम, ISS की कक्षा और लैंडिंग साइट की स्थिति पर निर्भर करता है.
कौन सा रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट इस्तेमाल होगा?
शुभांशु शुक्ला की वापसी के लिए स्पेसएक्स का ड्रैगन कैप्सूल इस्तेमाल होगा, जिसे फाल्कन-9 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया गया था. ड्रैगन कैप्सूल पूरी तरह से पुन: उपयोग योग्य है और इसमें अत्याधुनिक सुरक्षा फीचर्स हैं. यह कैप्सूल न केवल अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित ले जाता है, बल्कि वैज्ञानिक उपकरण, सैंपल और अन्य जरूरी सामान भी वापस लाता है.
मां की आराधना और पिता की योजना
शुभांशु की मां आशा देवी मिशन की शुरुआत से ही बेटे की सफलता और सकुशल वापसी के लिए रोज पूजा-पाठ कर रही हैं. उन्होंने कहा, बेटे ने लखनऊ और देश का नाम रोशन किया है. उसकी वापसी पर घर सजाकर स्वागत करूंगी और अपने हाथों से बना गाजर का हलवा खिलाऊंगी. पिता शंभुदयाल शुक्ला ने भावुक होते हुए कहा, बेटा जब किशोर था तो करिज्मा बाइक पर हमने कई राइड की थीं. अगर समय मिला तो दोबारा मंदिर जाकर साथ बाइक राइड करूंगा.
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