शिक्षा। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने इस साल राष्ट्रीय स्तर की मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में एक बड़ा बदलाव किया है। इंजीनियरिंग के लिए ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई) मेन 2021 और मेडिकल के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) 2021 की रैंक लिस्ट में अधिक उम्र के अभ्यर्थियों को प्राथमिकता देने के प्रावधान हटा दिया है। दोनों परीक्षाओं के सूचना ब्रोशर में टाई ब्रेकर के लिए उम्मीदवारों की उम्र को मानदंड के रूप में उल्लेख नहीं किया गया है। बता दें कि नीट 2020 में, टॉपर निर्धारित करने के लिए आयु मानदंड का उपयोग किया गया था क्योंकि दो छात्रों ने 720 में से 720 अंक प्राप्त किए थे। दरअसल जेईई मेन और एनईईटी की रैंक सूची तैयार करने के लिए एनटीए एक टाई-ब्रेकिंग नीति का उपयोग करता है ताकि दो उम्मीदवारों को समान रैंक न दी जाए। 2020 में, जेईई मेन इंजीनियरिंग पेपर के लिए टाई-ब्रेकिंग विधि इस प्रकार थी – गणित में उच्च एनटीए स्कोर वाले अभ्यर्थियों को वरीयता दी जाएगी, इसके बाद भौतिकी और रसायन विज्ञान में एनटीए स्कोर को देखा जाएगा। यदि टाई को स्तिथि बनी रहती है, तो काम नेगेटिव अंक वाले अभ्यर्थी को प्राथमिकता दी जाएगी, इसके बाद आयु में बड़े उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी। बी आर्क और बी प्लानिंग पेपर के लिए भी इसी तरह के तरीकों का इस्तेमाल किया गया था। हालांकि 2021 में टाई-ब्रेकिंग के मानदंड के रूप में अधिक उम्र को हटा दिया गया है। इसी तरह नीट 2021 में दो छात्रों के बीच टाई होने पर यह होगी पॉलिसी: इसमें पिछले साल की तरह उम्मीदवार की उम्र का जिक्र नहीं है। नीट 2020 में, ओडिशा के सोयब आफताब और उत्तर प्रदेश की आकांक्षा सिंह ने 720 में से 720 अंक हासिल किए थे, लेकिन सोयब को उनकी अधिक उम्र के कारण पहला रैंक दिया गया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कथित तौर पर कहा था कि वह आकांक्षा सिंह को संयुक्त टॉपर घोषित करने के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी को लिखेंगे। तुम्माला स्निकिता, विनीत शर्मा और अमरीशा खेतान ने नीट 2020 में 715 अंक हासिल किए थे, लेकिन इसी कारण से, समान अंक प्राप्त करने के बावजूद उम्मीदवारों को अलग-अलग रैंक दी गई थी।