Surya Grahan 2025: इस साल सितंबर में दो ग्रहण लगेंगे. पितृ पक्ष की शुरुआत जहां 7 सितंब को चंद्र ग्रहण से होगी तो वहीं 21 सितंबर को इसका समापन सूर्य ग्रहण से होगा. एक महीने में दो ग्रहण बहुत दुर्लभ देखने को मिलते हैं. चंद्र ग्रहण तो भारत में दिखाई देगा. क्या साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भी भारत में दिखाई देगा, कितनी बजे लगेगा आंशिक सूर्य ग्रहण, इसे कहां देख पाएंगे आइए जानते हैं.
21 सितंबर को कब दिखेगा सूर्य ग्रहण ?
साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 सर्वपितृ अमावस्या को लगेगा. यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा जो 21 सितंबर को रात 11 बजे से शुरू होकर 22 सितंबर को सुबह 3 बजकर 24 मिनट तक रहेगा, ऐसे में यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा और ना ही इसका सूतक काल मान्य होगा. यह सूर्य ग्रहण कन्या राशि में पितृपक्ष में लगने वाला है.यह सूर्य ग्रहण भारत को छोड़कर न्यूजीलैंड, फिजी, ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर में दिखेगा.यह ग्रहण भारत में इसलिए नहीं दिखेगा, क्योंकि ग्रहण की अवधि के दौरान भारत में रात होगी और इसका सूतक भी मान्य नहीं होगा.
जानिए कब लगता है चन्द्र ग्रहण?
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को भाद्रपद्र की पूर्णिमा को लगेगा. भारतीय समयानुसार ग्रहण 7 सितंबर को 9:57 मिनट से 8 सितंबर की रात 1:26 मिनट तक रहेगा.इसका सूतककाल दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर शुरू हो जाएगा. चुंकी चन्द्र ग्रहण में सूतक काल ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले लग जाता है. भारत के साथ ही फ्रांस, इग्लैंड,जर्मनी, इटली, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, न्यूजीलैंड, अमेरिका और अफ्रीका पर भी देखाई देगा. यह ग्रहण शनि की राशि कुंभ और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में घटित होगाा.इस दौरान राहु चंद्रमा भी कुंभ में रहेंगे.
भारत में सूर्य ग्रहण का प्रभाव
साल का आखिरी आंशिक भारतीय समयानुसार रात में लगेगा, इसलिए ये भारत में दृश्य नहीं होगा, इसलिए यहां इसका सूतक काल, नियम मान्य नहीं होंगे. आंशिक सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, लेकिन वे पूरी तरह से सीधी रेखा में नहीं होते हैं, और चंद्रमा सूर्य को केवल आंशिक रूप से ढकता है.
सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या नहीं?
- सूर्य ग्रहण के समय घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए
- सूर्य ग्रहण को कभी भी सीधे आंखों से नहीं देखना चाहिए.
- ग्रहण के समय रसोई से संबंधित कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए.
- सूर्य के दौरान खाना नहीं बनाना चाहिए और न ही भोजन ग्रहण करना चाहिए.
- ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को अपना खास ख्याल रखना चाहिए.
- गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय सुई में धागा डालना, कुछ काटना, छीलना, कुछ छौंकना या बघारना नहीं चाहिए.
- इसके अलावा ग्रहण के समय मंदिर के मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए.
- सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य देव का ध्यान करते हुए तेज आवाज में मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए. मंत्र है-ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम: और ऊँ घृणिः सूर्याय नमः.
- इस प्रकार तेज आवाज में मंत्रों का उच्चारण करने से ग्रहण के दौरान फैली निगेटिविटी का व्यक्ति पर असर नहीं पड़ता है.
- सूर्य ग्रहण से पहले सभी पानी के बर्तन में, दूध और दही में कुश या तुलसी या दूब धोकर डाल दें. इसे ग्रहण के बाद ही निकालें.
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