Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि दो पर्वत- बद्रीनारायण की यात्रा…
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सत्कर्म की प्रेरणा देने के लिए बालक के हाथ से कराए सत्कर्म: दिव्य मोरारी बापू
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि स्वच्छता और पवित्रता- आज पवित्रता…
चन्दन और मेहंदी के समान होता है संतों का स्वभाव: दिव्य मोरारी बापू
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि चन्दन और मेहँदी- स्वयं की…
जीवन के हौज का अभिमान रूपी छिद्र बंद करने पर ही मिलेगा सत्कर्म का पाथेय: दिव्य मोरारी बापू
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि अजब-सी बात- एक अजब-सी बात…
स्वयं काल का तावेदार होता है काम के अधीन न रहने वाला व्यक्ति: दिव्य मोरारी बापू
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि प्रभु का एक नाम है…
परिवार के साथ बैठकर प्रार्थना करने में ही है गृहस्थाश्रम का आनंद: दिव्य मोरारी बापू
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि महापुरुषों की दृष्टि- महापुरुष मानते…
ब्रह्म-सम्बन्ध में तन का नहीं बल्कि मन का है महत्व: दिव्य मोरारी बापू
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि ब्रह्म-सम्बन्ध- आपका मन जहाँ बैठा…
आत्मदृष्टि से उत्पन्न होता है भगवत प्रेम: दिव्य मोरारी बापू
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि लुटता हुआ खजाना- कलियुग में…
समय का नाश ही है सर्वनाश: दिव्य मोरारी बापू
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि वेदान्त और भागवत- वेद-उपनिषद में…
खुली आंखों से जगत देखने वाले व्यक्ति को ब्रह्म का चिंतन करने के लिए बंद नहीं करने पड़ते नेत्र: दिव्य मोरारी बापू
Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि खुली आँखों से ब्रह्मचिंतन ÷मन…