इलाहाबाद हाईकोर्ट से अब्दुल्ला आजम को बड़ा झटका, फर्जी दस्तावेज मामले में दोनों याचिकाएं खारिज

Prayagraj: इलाहाबाद हाईकोर्ट से पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम को बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान की दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया है. इस फैसले के बाद निचली अदालत में दोनों मामलों में ट्रायल जारी रहेगा. याचिका खारिज करने का फैसला जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच ने सुनाया. उच्च न्यायलय में अब्दुल्ला आजम ने दो अलग-अलग मामलों में याचिकाएं दाखिल की थीं. पहला मामला अब्दुल्ला आजम के कथित फर्जी पासपोर्ट से जुड़ा हुआ था. दूसरा मामला अब्दुल्ला आजम के दो पैन कार्ड बनवाने से संबंधित था.

अब्दुल्ला खान के फर्जी पासपोर्ट से जुड़ा मामला

पहला मामला अब्दुल्ला आजम खान के फर्जी पासपोर्ट से जुड़ा है. इसमें आरोप है कि उन्होंने गलत जन्मतिथि के आधार पर पासपोर्ट बनवाया था. विधायक आकाश सक्सेना ने 30 जुलाई 2019 को रामपुर के सिविल लाइन थाने में धोखाधड़ी और पासपोर्ट एक्ट की धाराओं के तहत अब्दुल्ला आजम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. शिकायत के मुताबिक, अब्दुल्ला आजम के शैक्षणिक प्रमाण पत्र और पासपोर्ट विभाग को दी गई जानकारी में उनकी जन्मतिथि अलग-अलग है. पासपोर्ट में उनकी जन्मतिथि 30 सितंबर 1990 बताई गई है, जबकि उनके शैक्षिक प्रमाण पत्रों में 1 जनवरी 1993 दर्ज है.

दो पैन कार्ड रखने का मामला

दूसरा मामला अब्दुल्ला आजम खान के दो पैन कार्ड रखने से संबंधित है. इस मामले में भी भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने 6 दिसंबर 2019 को रामपुर के सिविल लाइन थाने में अब्दुल्ला और उनके पिता आजम खान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी. अब्दुल्ला के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 B, 471, 468, 467 और 420 के तहत मामला दर्ज किया गया था. आकाश सक्सेना का आरोप है कि अब्दुल्ला आजम ने 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान चुनावी शपथ पत्र में गलत पैन नंबर दर्ज किया था और चुनाव आयोग को दिए गए शपथ पत्र में अलग अलग पैन नंबर दर्ज किए.

एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहा है केस

अब्दुल्ला के खिलाफ दर्ज दोनों मामलों में रामपुर जिले के एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रायल चल रहा है. अब्दुल्ला आजम ने ट्रायल कोर्ट में चल रहे दोनों मामलों में अपने खिलाफ चल रही संपूर्ण कार्यवाई को रद्द करने की इलाहाबाद हाईकोर्ट से मांग की थी. शिकायतकर्ता आकाश सक्सेना की तरफ से कोर्ट में अधिवक्ता शरद शर्मा और समर्पण जैन ने पक्ष रखा, वहीं अब्दुल्ला आजम खान की तरफ से अधिवक्ता इमरान उल्लाह और मोहम्मद खालिद ने तर्क पेश किए. जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था. बुधवार कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया.

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