Agra: नए सर्किल रेट लिस्ट का खाका खिंच चुका है। बृहस्पतिवार से एडीएम वित्त, डीएम कार्यालय व सभी उप निबंधक कार्यालयों में नई रेट लिस्ट आमजन के अवलोकन के लिए उपलब्ध रहेगी। दो जुलाई तक नई रेट लिस्ट पर प्रशासन ने आपत्तियां आमंत्रित की हैं।
अगर आप कोई संपत्ति खरीदना चाहते हैं, तो आपको यूपी में सर्किल रेट के बारे में पता होना चाहिए। सर्किल रेट राज्य सरकार द्वारा तय की गई न्यूनतम कीमत है और इससे कम पर संपत्ति नहीं बेची जा सकती है। ये दरें स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क की गणना करने में मदद करती हैं, क्योंकि शुल्क संपत्ति के सर्किल रेट या बाजार मूल्य, जो भी अधिक हो, पर लगाया जाता है।
शहरों और ग्रामीण क्षेत्र के सर्किल रेट
सर्किल रेट आखिरी बार 2017 में निर्धारण हुआ था। आठ वर्षीय बाद फिर नया सर्वे हुआ है। जिसके बाद नई सर्वे रिपोर्ट के आधार पर नई सर्किल रेट लिस्ट को अंतिम रूप दिया जा रहा है। एडीएम वित्त एवं राजस्व शुभांगी शुक्ला ने बताया कि शहर में 45 फीसद और ग्रामीण क्षेत्र में 35 फीसद सर्किल रेट में वृद्धि होगी।
ऐसे में जमीन खरीदने पर अधिक स्टांप ड्यूटी चुकानी पड़ेगी। जनप्रतिनिधि, अधिवक्ता, बिल्डर्स के अलावा अन्य हित धारक नए सर्किल रेट लिस्ट पर 2 जुलाई तक आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं। एडीएम वित्त ने बताया कि सात दिन में आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। निस्तारण के बाद जनपद में नई सर्किल रेट लिस्ट लागू होगी।
उत्तर प्रदेश में सर्किल रेट को प्रभावित करने वाले कारक
हर साल, राज्य सरकार सर्किल दरों की एक नई सूची प्रकाशित करती है। दरें विभिन्न कारकों पर विचार करने के बाद तय की जाती हैं, क्योंकि सभी शहरों और इलाकों के लिए दरें समान नहीं होती हैं। आइए उन कारकों पर एक नज़र डालें जो यूपी सर्किल दर को प्रभावित करते हैं:-
बाजार मूल्य: संपत्ति का बाजार मूल्य यूपी में सर्किल रेट तय करने में मदद करता है। आम तौर पर, सर्किल रेट बाजार मूल्य से कम होता है।
संपत्ति उपयोग: आवासीय संपत्ति के लिए सर्किल रेट वाणिज्यिक संपत्ति की तुलना में कम है। अधिकांश शहरों में दुकानों/कार्यालयों के लिए सर्किल रेट अधिक है।
संपत्ति के आसपास की सुविधाएं: संपत्ति के आसपास दी जाने वाली सुविधाएं भी यूपी में सर्किल रेट तय करने में अहम भूमिका निभाती हैं। अच्छी सड़कें, परिवहन सुविधाएं, अस्पताल, स्कूल, जिम, पार्क और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स वाले इलाके में सर्किल रेट ज़्यादा होता है।
प्रॉपर्टी का स्थान: सर्किल रेट तय करने में एक और महत्वपूर्ण कारक प्रॉपर्टी का स्थान है। उदाहरण के लिए, पॉश इलाके में स्थित प्रॉपर्टी पर ग्रामीण इलाके की प्रॉपर्टी की तुलना में ज़्यादा सर्किल रेट लगेगा।
बाजार मूल्य 50 से 80 फीसद तक बढ़ा
जमीनों का बाजार मूल्य सर्किल रेट से 50 से 80 फीसद तक बढ़ चुका है। एमजी रोड पर जमीन सबसे महंगी है। जिले में 2017 के बाद सर्किल रेट नहीं बढ़े थे। पिछले सप्ताह निबंधन और राजस्व विभाग ने नए सर्किल रेट की सर्वे रिपोर्ट डीएम को सौंपी थीं। जिसे अब अंतिम रूप दिया जा रहा है।
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