Maharashtra: महाराष्ट्र में हिंदी भाषा की अनिवार्यता को लेकर शिक्षा मंत्री दादा भुसे शुक्रवार (27 जून) सुबह 11 बजे महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे से उनके निवास पर मुलाकात करेंगे. राज ठाकरे के नेतृत्व में मनसे कार्यकर्ताओं ने राज्यभर में स्कूलों के बाहर जाकर हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है. इस अभियान में अभिभावकों से समर्थन पत्र भरवाए जा रहे हैं और सरकार पर मराठी भाषा को प्राथमिकता देने का दबाव बनाया जा रहा है.
विवाद को सुलझाने की कोशिश
सूत्रों के अनुसार, इस मुलाकात में वे विवाद को सुलझाने की कोशिश करेंगे और राज्य सरकार का दृष्टिकोन स्पष्ट करेंगे. राज्य में फिलहाल त्रिभाषा सूत्र को लेकर चर्चा गरमाई हुई है. कई सामाजिक संगठन, पालक, शिक्षण तज्ञ और राजकीय पक्ष यावर तीव्र प्रतिक्रिया दे रहे हैं. क्या यह मुलाकात हिंदी अनिवार्यता पर सरकार के रुख में बदलाव लाएगी? इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं.
मनसे की मांग है कि मराठी ही राज्य की प्रमुख भाषा होनी चाहिए और हिंदी को जबरन स्कूलों में थोपा नहीं जाना चाहिए. राज ठाकरे ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि महाराष्ट्र में ‘हिंदी सक्ती’ स्वीकार नहीं की जाएगी. इसी पृष्ठभूमि में शिक्षा मंत्री दादा भुसे खुद राज ठाकरे के निवास शिवतीर्थ, दादर पहुंचकर उनसे चर्चा करेंगे.
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते राज्य सरकार ने एक संशोधित आदेश जारी किया था, जिसके तहत मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पहली से पांचवीं कक्षा तक आमतौर पर हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाया जाएगा। हालांकि, सरकार ने साफ किया है कि हिंदी अनिवार्य नहीं होगी, बल्कि हिंदी के अलावा कोई भी भारतीय भाषा पढ़ाने के लिए स्कूल में प्रति कक्षा कम से कम 20 छात्रों की सहमति जरूरी होगी।
हिंदी अनिवार्यता को लेकर सियासत गरमाई
राज ठाकरे की पार्टी हर स्कूल के बाहर हस्ताक्षर अभियान चला रही है. पिछले कई दिनों से महाराष्ट्र मे हिंदी की सख्ती को लेकर सियासत गरमाई हुई है. महाराष्ट्र मे आने वाले दिनो मे स्थानीय चुनाव होने जा रहे हैं. ऐसे मे यह मराठी के मुद्दा चुनाव को नया रंग देगा.