MP News: मध्य प्रदेश में नौ साल बाद विधायकों का वेतन और भत्ता बढ़ाने की तैयारी शुरू हो गई है. सरकार ने इस दिशा में कदम उठाते हुए उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल की अध्यक्षता में एक समिति बनाई है. यह समिति 11 नवंबर को बैठक कर अन्य राज्यों के वेतन-भत्तों की तुलना में रिपोर्ट तैयार करेगी. सूत्रों के अनुसार, वित्त विभाग ने भी इस पर प्रारंभिक मंथन शुरू कर दिया है.
फिलहाल हर माह 75 हजार रुपये तक मिल रहे हैं भत्ते
वर्तमान में मध्य प्रदेश के विधायकों को कुल मिलाकर करीब 75 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन और भत्तों के रूप में मिलते हैं. इसमें वेतन के अलावा निर्वाचन क्षेत्र भत्ता, टेलीफोन, चिकित्सा और अन्य सुविधाओं के लिए राशि शामिल है. हालांकि, महाराष्ट्र, तेलंगाना और राजस्थान जैसे राज्यों में यह राशि ढाई से तीन लाख रुपये तक पहुंच चुकी है. इसी असमानता को देखते हुए समिति अब नए सिरे से बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार कर रही है.
मुख्यमंत्री को सौंपी जाएगी रिपोर्ट
समिति की रिपोर्ट तैयार होने के बाद इसे मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा. इसके बाद मंत्रिपरिषद की मंजूरी मिलने पर प्रस्ताव विधानसभा में पेश किया जाएगा. उम्मीद है कि नई व्यवस्था लागू होने के बाद न सिर्फ विधायकों का वेतन बढ़ेगा, बल्कि विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और मंत्रियों के भत्तों में भी संशोधन किया जा सकता है.
‘विधायकों की सैलरी चपरासी से भी कम’
विधायकों की सैलरी और पूर्व विधायकों की पेंशन बढ़ाने को लेकर एक कमेटी बना दी गई है कमेटी के सदस्य और बीजेपी विधायक अजय बिश्नोई ने कहा कि आज विधायकों की सैलरी सरकारी चपरासी से भी कम है, जबकि विधायकों के खर्च और जिम्मेदारियां ज्यादा हैं और इस सैलरी में गुजारा मुश्किल है, लिहाजा विधायकों की सैलरी पढ़नी चाहिए .
‘जनता के लिए विधायकों की वेतन वृद्धि आवश्यक’
वहीं विधायकों की वेतन वृद्धि के प्रस्ताव पर बीजेपी नेता अजय सिंह यादव ने कहा की जनता के लिए विधायकों का वेतन बढ़ाया जाना ज़रूरी है . इससे वो जनता के लिए ही काम करेंगे. फिलहाल सारे विचार विमर्श के बाद ही प्रस्ताव को मंजूरी मिलेगी.
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