Yoga tips: आज के समय में बच्चों की दिनचर्या मोबाइल, टीवी और इंटरनेट तक सिमटती जा रही है. उनका शारीरिक और मानसिक विकास एक बड़ी चुनौती बन गया है. इसके लिए योग बच्चों के शारीरिक विकास, मानसिक स्पष्टता और स्मरण शक्ति को बेहतर बनाने का सरल इलाज है. बचपन में अगर योग को दिनचर्या में शामिल कर लिया जाए, तो वह आदत बन जाती है और उम्रभर काम आती है. ऐसे कई योगासन हैं, जो बच्चों के लिए सरल और सुरक्षित हैं. इनकी मदद से उनका कद, पाचन तंत्र, एकाग्रता और आत्मविश्वास जैसी कई चीजों में मजबूती आती है.
ताड़ासन
यह आसन लंबाई बढ़ाने और पोश्चर सुधारने के लिए लाभकारी है. यह सबसे सरल और सबसे असरदार आसन है. इसके अभ्यास के लिए पैरों को साथ रखें, हाथ ऊपर उठाकर पंजों पर खड़े हों और गहरी सांस लें. ताड़ासन का अभ्यास रीढ़ की हड्डी को खींचता है. ग्रोथ प्लेट्स पर सकारात्मक असर डालता है और इससे शरीर का संतुलन सुधरता है. हर दिन 20 से 30 सेकेंड के तीन सेट करें.
भुजंगासन
अगर रीढ़ मज़बूत और फेफड़े खुले रखना चाहते हैं तो भुजंगासन का अभ्यास करना चाहिए. यह आसन मोबाइल चलाने से जो शरीर में झुकाव आ जाता है, उसका प्राकृतिक इलाज है. इसके अभ्यास से रीढ़ लचीली रहती है. आॅक्सीजन सप्लाई बेहतर होता है और आत्मविश्वास में वृद्धि आती है. भुजंगासन के अभ्यास के लिए पेट के बल लेटकर हथेलियों के सहारे छाती को उठाएं. इस प्रक्रिया को 15-20 सेकंड तक दो से तीन बार दोहराएं.
वृक्षासन
इस आसन का अभ्यास फोकस और संतुलन बनाने में असरदार है. अभ्यास के लिए एक पैर दूसरे जांघ पर रखकर हाथ नमस्कार की मुद्रा में करनी होती है. इससे एकाग्रता बढ़ती है. न्यूरो-मसल कोऑर्डिनेशन बेहतर होता है और बेचैनी कम होती है. इसका अभ्यास प्रतिदिन 20 सेकंड प्रति पैर से करें.
बालासन
यह आसन बच्चों के लिए सरल लेकिन कई लाभ वाला है. बालासन का अभ्यास परीक्षा, होमवर्क और स्क्रीन सबका भार उतारता है. इससे मानसिक शांति मिलती है, बेहतर नींद आती है और भावनात्मक संतुलन बना रहता है. अभ्यास के लिए घुटनों के बल बैठकर आगे झुकें और माथा ज़मीन पर रखें. 30–60 सेकंड इस मुद्रा में बने रहें.
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