घर में फर्नीचर से जुड़ी इन बातों का नहीं रखा ध्यान, तो कलह-क्लेश और धन हानि का करना पड़ता है सामना

वास्‍तु। वास्तु शास्त्र एक बहुत ही प्राचीन शास्त्र है। जीवन को सुगम और खुशहाल बनाने के लिए इसका सदियों से प्रयोग किया जा रहा है। वास्तु शास्त्र घर से लेकर कार्यस्थल के निर्माण को लेकर महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं। यहां तक की वास्तु शास्त्र में ये भी बताया गया है कि कौन सी वस्तु किस स्थान पर रखना सही रहता है। यदि घर के निर्माण से लेकर वस्तुओं के रख-रखाव तक वास्तु के नियमों का सही प्रकार से पालन किया जाए तो व्यक्ति जीवन में सुख-समृद्धि और कामयाबी प्राप्त करता है। वहीं अगर वास्तु के नियमों को ध्यान में न रखा जाए तो जीवन में एक के बाद एक समस्याएं आने लगती हैं क्या आपको पता है कि आपके घर के फर्नीचर से भी घर की खुशहाली का संबंध होता है। घर में यदि यह ध्यान न रखा जाए कि कौन सा फर्नीचर किस स्थान पर और किस तरह का रखना है तो यह आपके घर की शांति और आर्थिक स्थिति पर प्रभाव डाल सकता है। ऐसा होने चाहिए फर्नीचर के किनारे:-वास्तु के अनुसार फर्नीचर खरीदते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि फर्नीचर के कोने या किनारे नुकीले नहीं होने चाहिए। गोल किनारों वाला फर्नीचर रखना शुभ माना जाता है। फर्नीचर की तेज धारों के कारण चोट तो लगने का डर रहता ही है इससे घर में मतभेद भी होने लगते हैं। ऐसा फर्नीचर देता है शुभ फल:- आजकल बाजार में कई तरह के फर्नीचर आने लगे जैसे प्लास्टिक और लोहे का फर्नीचर लेकिन वास्तुशास्त्र कहता है कि घर में हमेशा लकड़ी का बना फर्नीचर रखना ही शुभ रहता है। लोहे या प्लास्टिक के बने फर्नीचर से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ने लगता है। जिसके कारण आपके घर में कलह बढ़ सकती हैं और मानसिक तनाव का सामना भी करना पड़ता है। घर में पीपल, चंदन और बरगद की लकड़ी का बना हुआ फर्नीचर नही रखना चाहिए क्योंकि इन तीनों पेड़ों में को पूजनीय माना गया है। माना जाताहै कि पीपल व बरगद में देवी-देवाताओं का वास होता है इसलिए इन्हें देव वृक्ष भी कहा जाता है। मान्यता है कि यदि इन पेड़ों की लकड़ी काटकर फर्नीचर बनवाया जाए तो देवता नाराज होते हैं, जिसके कारण आपके ऊपर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। चंदन की लकड़ी का मंदिर बनवाकर लगाया जा सकता है।घर में शीशम, नीम, साल, अशोक, अर्जुन, सागवान और साल के पेड़ की लकड़ियों से बने फर्नीचर सही रहता है। फर्नीचर की दिशा:- वास्तु के अनुसार यदि फर्नीचर बहुत भारी है, तो उसे घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखना चाहिए और हल्के फर्नीचर के उत्तर-पूर्व दिशा में रखा जा सकता है यदि इस उत्तर-पूर्व दिशा में भारी फर्नीचर रख दिया जाए तो इससे सकारात्मक ऊर्जा प्रभावित होने लगती है, जिसके कारण धन संबंधित बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही ध्यान रखें कि जिस कमरे के लिए फर्नीचर खरीद रहे हैं, उसके आकार के अनुरूप ही खरीदें। आवश्यकता से अधिक बड़ फर्नीचर नहीं खरीदना चाहिए।

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