आयुर्वेदिक औषधियों से भरपूर है ब्राह्मी,दिमाग को रखें एक्टिव, डायबिटीज में है रामबाण

हैल्‍थ। भारतीय आयुर्वेद में कई औषधीय गुणों के बारे में बताया गया है जिनसे कई तरह की बीमारियों का इलाज बिना किसी साइड इफेक्ट्स के किया जा सकता हैं। हमारे आसपास ही बहुत से जड़ी-बुटियां मौजूद होते है लेकिन बहुत से लोग जंगली जड़ी-बूटी कहकर इसे नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन अब इन्ही जड़ी-बूटियों को दुनिया के वैज्ञानिकों ने औषधि के रूप में मानना स्वीकार कर रहे हैं। हमारे देश में कई औषधीय पौधें है लेकिन आज हम बात कर रहें है ब्राह्मी के बारें में। जिसका औषधि के मामलें में विशेष महत्व होता है। अंग्रेजी में इसे बकोपा कहा जाता है।  यह हमारे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को तेज करता है। सदियों से मेमोरी पावर बढ़ाने, एंग्जाइटी को दूर करने और मिर्गी भगाने में भी इसका उपयोग किया जाता है।

बता दें कि ब्राह्मी के अंदर कई अन्य तरह के गुण भी पाए जाते हैं। यह एक ऐसा हर्ब्स है जिससे दिमाग का फंक्शन एक्टिव हो जोता है। यह दिमाग में पहुंचने वाले ब्लड वेसल्स को स्मूथ करता है जिससे दिमाग में ऑक्सीजन की सप्लाई बेहतर तरीके से हो पाता है।

कैंसर, हार्ट डिजीज रोकने में सक्षम
रिपोर्ट में मिली जानकारी के मुताबिक ब्राह्मी में ऐसा एंटीऑक्सीडेंट्स होता है जो फ्री रेडिकल्स के कारण डैमेज हुए सेल्स को नया बनाता है और ऐसा होने से रोकता है। फ्री रेडिकल्स के वजह से हार्ट डिजीज, डायबिटीज और कई प्रकार के  कैंसर जैसे खतरा बढ़ जाता है। ब्राह्मी में मौजूद पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट्स सेल्स को फ्री रेडिकल्स में बदलने से रक्षा करता है। इसी तरह ब्राह्मी में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होता है। अर्थातयह सेल्स में सूजन नहीं होने देता है।  जब सेल्स में सूजन हो जाती है तो कैंसर, डायबिटीज, हार्ट डिजीज और किडनी डिजीज का जोखिम बढ़ जाता है। ब्राह्मी में कई तरह के कंपाउड मौजूद होते हैं जो सेल में किसी तरह की सूजन होने से बचाते हैं। ब्राह्मी से डायबिटीज के जोखिम को भी कम किया जा सकता है और जिन्हें पहले से डायबिटीज है, उनमें नेचुरली इंसुलिन बनाने में मदद पहुंचा सकता है।

ब्रेन फंक्‍शन को करें एक्टिव
एक स्टडी के मुताबिक बताया गया कि चूहों पर जब एक प्रयोग किया गया तो पाया गया कि ब्राह्मी के प्रभाव से ब्रेन का फंक्शन तेज हो गया है और उसमें सीखने की क्षमता पहले से बढ़ गई है। इसी तरह उसमें सूचनाओं को दिमाग में स्टोर यानी याददाश्त की क्षमता भी बढ़ जाती है। इतना ही नहीं, 12 सप्ताह के अध्ययन के बाद पाया गया कि 46 चूहों में विजुअल सूचना, लर्निंग रेट, मेमोरी आदि बढ़ गई। दिमाग की नसों में ब्राह्मी के प्रभाव से रिलेक्स पहुंचता है। इससे एंग्जाइटी और स्ट्रेस भी नहीं होता है और दिमाग पहले से ज्यादा तरोताजा रहता है। ब्राह्मी कार्टिसोल हार्मोन के रिलीज को कम कर देता है। कार्टिसोल के कारण ही एंग्जाइटी और डिप्रेशन होता है।

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