Raksha bandhan 2023: रक्षाबंधन का त्योहार भाई और बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इस दिन पर बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं। कुछ लोग रक्षाबंधन की राखी पूरे साल पहने रखते हैं तो वहीं कुछ लोग रक्षाबंधन के अगले दिन ही उसे उतार कर रख देते है। क्या ऐसा करना शुभ माना जाता है या अशुभ, राखी को कब तक पहना जा सकता है? राखी कब उतारनी चाहिए या राखी उतारने का समय क्या है? चलिए जानते है हम आज इन सब विषयों के बारे में….
कब उतारनी चाहिए राखी?
ज्योतिष के मुताबिक, धर्मशास्त्रों में राखी के उतारने का कोई निश्चित दिन या समय निर्धारित नहीं है। हालांकि रक्षाबंधन के बाद राखी को 24 घंटे के बाद उतार देना चाहिए। राखी को पूरे साल बांधे नहीं रखते हैं। यदि आप पूरे वर्ष राखी को बांधे रखते हैं तो दोष लगता है। क्योकि राखी के कुछ दिनों बाद पितृपक्ष प्रारंभ होता है, उसमें आप राखी पहने रखते हैं तो वह अशुद्ध हो जाती है। अशुद्ध वस्तुओं का त्याग कर देते हैं, उसे धारण नहीं किया जाता है। ऐसा करने से अशुद्धता से नकारात्मकता पैदा होती है।
राखी का कब और कहां करें विसर्जन?
रक्षाबंधन के 24 घंटे के बाद राखी को अपने हाथ से खोलकर उतार दें। उसके बाद उसे विसर्जित कर दें। यहां पर विसर्जन का मतलब है कि आप उस राखी को किसी पेड़ पर बांध सकते हैं या फिर उस राखी को सहेज कर रख सकते हैं।
सोने और चांदी की राखी कब तक पहनें?
ज्योतिषाचार्यो की मानें तो रक्षाबंधन का संबंध रक्षासूत्र से है। रक्षासूत्र सूत यानि की धागे से निर्मित होता है। जो लोग सोने या चांदी की राखी पहनते हैं, वे पूरे सालभर उसे पहन सकते हैं क्योंकि वह धातु की बनी है और यह फैशन से जुड़ा है। वैसे भी सोने और चांदी की राखी व्यक्ति के संपन्नता को दर्शाता है, जबकि रक्षाबंधन बहन की रक्षा की भावना से जुड़ा है। अब व्यक्ति की जैसी क्षमता है, वह उसके हिसाब से त्योहार मनाता है।
भूलकर भी न बांधें ऐसी राखी
आपको बता दें कि रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई को काले रंग के धागे से बनी राखी या काले रंग वाली राखी न बांधें। काला रंग नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। इसे धार्मिक कार्यों की दृष्टि से भी अशुभ माना जाता है।