समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश-2047’ अभियान का हुआ शुभारंभ

Ghazipur: उत्तर प्रदेश को वर्ष 2047 तक एक विकसित राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है। “समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश /2047” अभियान के तहत अब हर नागरिक को अपने विचार और सुझाव प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा। नागरिकों की सीधी भागीदारी से न केवल योजनाएं अधिक प्रभावी बनेंगी बल्कि विकास की यात्रा में सभी वर्गों का योगदान भी सुनिश्चित होगा।
जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने आह्वान किया है कि सभी नागरिक इस महत्वाकांक्षी अभियान में सक्रिय रूप से भाग लें। यह पहल गाजीपुर जिले की प्राथमिकताओं, आवश्यकताओं और संभावनाओं को प्रदेश की नीतियों में समुचित स्थान दिलाने का एक सशक्त माध्यम है।
उन्होने बताया कि जनपद में यह अभियान की अवधि 08 सितंबर से 13 अक्टूबर तक निर्धारित की गई है। इस दौरान ग्राम पंचायत और विकास खंड स्तर पर गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें नागरिक खुलकर अपने विचार रख सकेंगे। इन बैठकों का आयोजन ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज विभाग द्वारा जिलाधिकारी के निर्देशन में किया जाएगा। ऑनलाइन पोर्टल  https://samarthuttarpradesh.up.gov.in@ पर सुझाव भेजकर अभियान का हिस्सा बन सकते है। जनपद स्तर पर दो दिवसीय कार्यशाला 12 व 13 सितम्बर को आयोजित किया जाना सुनिश्चित किया गया है। इस कार्यक्रम को आयोजित करने हेतु सम्बन्धित अधिकारियों को दिशा निर्देश सुनिश्चित कर दिया गया है। सम्बन्धित अधिकारी अपने कार्यों एवं दायित्वों का शत् प्रतिशत निर्वहन करेंगे।

इस अभियान के अंतर्गत नागरिक अपने सुझाव सीधे ऑनलाइन पोर्टल https://samarthuttarpradesh.up.gov.in@ पर दर्ज कर सकते हैं। इसका विकल्प सूचना सेतु एप पर भी उपलब्ध है। पोर्टल को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि इसे मोबाइल और कंप्यूटर, दोनों माध्यमों से आसानी से एक्सेस किया जा सके। साथ ही कोड स्कैन कर फीडबैक साझा करने की सुविधा उपलब्ध है। सुझाव देने के लिए प्रतिभागियों को पोर्टल पर मोबाईल ओटीपी के माध्यम से लॉगिन कर विषय का चयन करना होगा और अपना विचार दर्ज कराना होगा। यह अभियान किसी एक वर्ग तक सीमित नहीं है। विद्यार्थी, शिक्षक, किसान, व्यापारी, उद्यमी, श्रमिक संगठन, स्वयंसेवी संगठन, मीडिया और आम नागरिक सभी इसमें अपनी भागीदारी दर्ज करा सकते हैं। उद्देश्य यह है कि प्रत्येक परिवार से कम से कम एक फीडबैक अवश्य प्राप्त हो, ताकि राज्य का विजन व्यापक हो सके। सरकार चाहती है कि प्रदेश का कोई भी परिवार पीछे न रहे। क्यू. आर. कोड और पोर्टल के ज़रिए यह प्रक्रिया इतनी सरल बनाई गई है कि छात्र, किसान, गृहिणी या व्यापारी, कृषक कोई अपने विचार तुरंत दर्ज करा सकता है।

गाजीपुर जैसे कृषि प्रधान जिले में इस अभियान की विशेष अहमियत है। साथ ही युवाओं और विद्यार्थियों की आकांक्षाएं यह सुनिश्चित करेंगी कि 2047 का उत्तर प्रदेश आधुनिक तकनीक और नवाचार का नेतृत्व कर सके। सरकार इस अभियान से प्राप्त विचारों को आधार बनाकर एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार करेगी। यह डॉक्यूमेंट तीन प्रमुख थीमों कृत अर्थ शक्ति, सृजन शक्ति और जीवन शक्ति के इर्द-गिर्द केंद्रित होगा। साथ ही इसमें 12 प्रमुख सेक्टर शामिल होंगे। कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र, पशुधन संरक्षण, औद्योगिक विकास, आईटी एवं उभरती प्रौद्योगिकी, पर्यटन, नगर एवं ग्राम्य विकास, अवस्थापना, संतुलित विकास, समाज कल्याण, स्वास्थ्य, शिक्षा तथा सुरक्षा एवं सुशासन। इन सभी विषयों पर प्राप्त सुझावों के आधार पर राज्य के विकास की दीर्घकालिक रणनीति तय की जाएगी। यह विजन डॉक्यूमेंट न केवल वर्तमान नीतियों की दिशा तय करेगा बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए विकास की आधारशिला साबित होगा। यही दस्तावेज़ उत्तर प्रदेश को 2047 तक विकसित राज्यों की श्रेणी में ले जाने का रोडमैप बनेगा।

अभियान को मजबूती देने और इसे सार्थक बनाने के लिए प्रदेशभर में प्रबुद्धजनों का भ्रमण प्रस्तावित है। विभिन्न क्षेत्रों से सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी, वैज्ञानिक और विशेषज्ञ जनपदों में जाकर लक्षित समूहों के साथ संवाद करेंगे। गाजीपुर जिले में प्रबुद्धजनों के प्रवास हेतु समुचित व्यवस्था कर दिया गया है। प्रबुद्धजन, विद्यार्थियों, शिक्षकों, व्यापारियों, किसानों, उद्यमियों और समाज के अन्य वर्गों से मिलकर न केवल पिछले आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा पर चर्चा करेंगे बल्कि आगे की चुनौतियों व संभावनाओं पर भी विचार-विमर्श करेंगे। इसके बाद वे अपने अनुभव और नागरिकों से मिले सुझावों का संक्षिप्त टिप्पणी/नोट नियोजन विभाग को उपलब्ध कराएंगे।

यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस प्रेरणा का परिणाम है, जो उन्होंने मई 2025 में नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल बैठक में दी थी। बैठक में प्रधानमंत्री ने “विकसित राज्य से विकसित भारत” की थीम पर बल देते हुए सभी राज्यों से आग्रह किया था कि वे अपनी स्थानीय विशेषताओं के आधार पर विकास की रणनीति तैयार करें। इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2047 तक एक विकसित राज्य बनाने का संकल्प दोहराते हुए इस अभियान का शुभारंभ किया है। इस मिशन में हर नागरिक की सक्रिय भागीदारी को आधार मानकर एक समृद्ध, समान और वैश्विक स्तर पर सम्मानित उत्तर प्रदेश बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस रणनीति के निर्माण में केवल योजनाओं और नीतियों पर ही नहीं, बल्कि किसानों, युवाओं, महिलाओं, श्रमिकों, शिक्षाविदों, उद्यमियों, प्रबुद्ध वर्ग, मीडिया और आम नागरिकों की आकांक्षाओं पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। सरकार का प्रयास है कि कोई भी वर्ग पीछे न छूटे और सभी की भागीदारी से प्रदेश 2047 तक विकसित राज्यों की श्रेणी में पहुंचे। नागरिकों से अपील है कि वे आगे बढ़कर अपने सुझाव अवश्य दें और “समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश /2047” की इस ऐतिहासिक यात्रा के सहभागी बनें।

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