पूर्व सांसद रामविलास दास वेदांती का निधन, राम मंदिर निर्माण और समाज सेवा में रहा योगदान

Ayodhya; राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार और पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का निधन हो गया है. उन्होंने मध्य प्रदेश के रीवा में अंतिम सांसें ली, जहां उनका इलाज चल रहा था. उनके निधन की खबर मिलते ही अयोध्या और पूरे संत समाज में गहरा शोक छा गया है. साथ ही राजनीतिक जगत में भी उनके चले जाने से भारी दुख का माहौल है. दरअसल, रामविलास वेदांती पिछले दिनों रीवा के दौरे पर गए थे. इसी दौरान अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया. इलाज के दौरान सोमवार दोपहर उनका निधन हो गया.

पार्थिव शरीर को लाया जाएगा अयोध्या 

जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश से उनका पार्थिव शरीर लेकर को अयोध्या में लाया जाएगा. अयोध्या पहुंचने के बाद उनके अंतिम दर्शन और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी. बता दें कि रामविलास वेदांती ने जन्मभूमि आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी. सांसद रहते हुए उन्होंने संसद में भी राम मंदिर निर्माण की आवाज उठाई और सड़कों पर भी आंदोलन का नेतृत्व किया.

सीएम योगी ने दी श्रद्धांजलि

सीएम योगी ने डॉ रामविलास को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, “श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख स्तंभ, पूर्व सांसद एवं अयोध्या धाम स्थित वशिष्ठ आश्रम के पूज्य संत डॉ. रामविलास वेदांती महाराज का गोलोकगमन आध्यात्मिक जगत और सनातन संस्कृति के लिए अपूरणीय क्षति है. उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! उनका जाना एक युग का अवसान है. धर्म, समाज व राष्ट्र की सेवा को समर्पित उनका त्यागमय जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा है. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने चरणों में स्थान और शोक संतप्त शिष्यों एवं अनुयायियों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें. ॐ शांति!”

विवादित ढांचा विध्वंस का केस वेदांती पर भी चला

रामविलास वेदांती का जन्म 7 अक्टूबर 1958 को मध्य प्रदेश के रीवा जिले के गुढ़वा गांव में हुआ था. वे 12वीं लोकसभा में यूपी के प्रतापगढ़ से भाजपा के सांसद चुने गए थे. इससे पहले 1996 में वे मछली शहर सीट से भी सांसद रहे. उनके राजनीतिक जीवन और धार्मिक नेतृत्व ने हमेशा समाज को मार्गदर्शन दिया. 6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा विध्वंस के मामले में जिन नेताओं पर मुकदमा चला, उनमें डॉ. वेदांती का नाम भी शामिल था, हालांकि सीबीआई की विशेष अदालत ने अंत में सभी आरोपियों को बरी कर दिया था.

हमेशा धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए आवाज उठाई

डॉ. वेदांती सिर्फ एक राजनेता नहीं थे, बल्कि एक ऐसे नेता थे जिन्होंने हमेशा धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए आवाज उठाई. उनका जीवन राम मंदिर आंदोलन और समाज सेवा के लिए समर्पित रहा. उन्होंने न केवल संसद में, बल्कि समाज के हर वर्ग तक अपनी आवाज पहुंचाई. उनके नेतृत्व में कई लोग प्रेरित हुए और राम जन्मभूमि आंदोलन में डॉ. वेदांती का नाम हमेशा याद रखा जाएगा. वेदांती का निधन निश्चित रूप से एक अपूरणीय क्षति है, लेकिन उनके कार्य और योगदान सदैव लोगों के बीच रहेंगे.

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