First Sawan Somwar 2025: सावन के पहले सोमवार को इन मंत्रों का करें जाप, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

First Sawan Somwar Vrat Vidhi: भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना सावन की शुरुआत 11 जुलाई से ही हो चुकी है. यह पूरा महीना भगवान शिव को समर्पित होता है. कहा जाता है कि इस मास में यदि श्रद्धापूर्वक शिवलिंग पर केवल एक लोटा जल भी अर्पित किया जाए, तो भगवान शिव प्रसन्न हो जाते है और अपने भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं.

वैसे पूरा सावन ही भगवान शिव की अराधना के लिए समर्पित होता है, लेकिन इस महीने के सोमवार का विशेष महत्व होता है. इस दिन व्रत रखकर शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, धतूरा और अन्य पूजन सामग्रियां अर्पित करना अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि सावन के पहले सोमवार को किस विधि से शिव पूजन किया जाना चाहिए.

किस समय करें जलाभिषेक?

सावन के सोमवार को पूरे दिन शिव पूजन किया जा सकता है, लेकिन विशेष फल की प्राप्ति के लिए शुभ मुहूर्तों में जलाभिषेक करना उत्तम माना गया है. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:11 से 4:52 बजे तक रहेगा वहीं, अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:59 से 12:55 बजे तक रहेगा. इसके साथ ही प्रदोष काल भी जलाभिषेक के लिए यह शुभ माना जाता है.

सोमवार को कैसे करें भगवान शिव की पूजा?

इस दिन प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें.

शिवलिंग की पूजा के लिए मंदिर जाएं.

शिवलिंग का अभिषेक जल, दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से करें.

इसके बाद बेलपत्र, सफेद पुष्प, धतूरा, आक, अक्षत और भस्म अर्पित करें.

 भगवान शिव को सफेद मिठाई का भोग लगाएं.

इसके बाद तीन बार ताली बजाते हुए उनका नाम स्मरण करें.

इन मंत्रों के साथ करें जलाभिषेक

ॐ नम: शिवाय
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः
श्रीभगवते साम्बशिवाय नमः
ॐ शर्वाय नम:.
ॐ विरूपाक्षाय नम:.
ॐ विश्वरूपिणे नम:.
ॐ कपर्दिने नम:.
ॐ भैरवाय नम:.
ॐ शूलपाणये नम:.
ॐ ईशानाय नम:.
ॐ महेश्वराय नम:.
ॐ नमो नीलकण्ठाय.
ॐ पार्वतीपतये नमः.
ॐ पशुपतये नम:.
ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय.

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