Delhi: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत की दो दिवसीय यात्रा के लिए आज यानी गुरुवार, 4 दिसंबर को नयी दिल्ली पहुंचेंगे. पुतिन की इस यात्रा का व्यापक उद्देश्य खासकर ऐसे समय में भारत-रूस सामरिक और आर्थिक साझेदारी को मजबूत करना है, जब भारत के अमेरिका के साथ संबंधों में तीव्र गिरावट आई है. जहां आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उनके सम्मान में एक निजी रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे, वहीं सबसे अहम होगा शुक्रवार का दिन. शुक्रवार को होने वाली शिखर वार्ता में रक्षा सहयोग को बढ़ाने, द्विपक्षीय व्यापार को बाहरी दबावों से सुरक्षित रखने और छोटे ‘मॉड्यूलर रिएक्टर’ में संभावित सहयोग पर विशेष ध्यान दिए जाने की संभावना है. इस वार्ता पर पश्चिमी देशों की पैनी निगाह रहेगी.
भारत आ रहे है पुतिन के साथ रूस के 7 बड़े मंत्री
- रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलोउसॉव
- कृषि मंत्री ऑक्साना लूत
- स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को
- परिवहन मंत्री आंद्रेई निकितिन
- आर्थिक विकास मंत्री मैक्सिम रेशेत्निकोव
- वित्त मंत्री एंतोन सिलुआनोव
- गृह मंत्री व्लादिमीर कोलोकॉल्तसेव
रूस की सेंट्रल बैंक की गवर्नर एल्विरा नबीउलिना और उप-विदेश मंत्री आंद्रेई रुडेंको भी भारत आ रहे हैं. इनके अलावा रूस के बड़े बिजनेस लीडर भी आ रहे हैं, जिनमें इगोर सेचिन (रूस की तेल कंपनी रोसनेफ्ट के प्रमुख) और प्रसिद्ध मीडिया एडिटर मार्गरिटा सिमोनियन शामिल हैं. पुतिन और सिमोनियन भारत में नए टीवी चैनल RT India के लॉन्च कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे.
रूसी डेलिगेशन में और कौन लोग ?
रूसी डेलिगेशन में कस्टम विभाग के अधिकारी, रूस के वित्तीय निगरानी संस्थान (Rosfinmonitoring) के प्रतिनिधि, सैन्य-तकनीकी सहयोग विभाग के प्रमुख दिमित्री शुगायेव और रोस्कोस्मोस, रोसाटॉम और VEB.RF जैसी बड़ी सरकारी कंपनियों के प्रमुख भी हैं.
बिजनेस जगत से स्बेरबैंक के प्रमुख, बेसिक एलिमेंट कंपनी, रुशाल (Rusal), VTB बैंक, उर्वरक उत्पादक संघ, रोसखिम, ट्रांसमाशहोल्डिंग और कई अन्य बड़ी कंपनियों के शीर्ष अधिकारी भी भारत आएंगे.
किस-किस क्षेत्र में समझौते होंगे?
विदेश मंत्रालय के मुताबिक इस दौरे में इन क्षेत्रों में एग्रीमेंट होने तय हैं. व्यापार, अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति, मीडिया, मजदूरी और कामगारों पर सहयोग (Labour Mobility). रूस में कामगारों की जरूरत बढ़ रही है. इसलिए भारत और रूस लेबर मोबिलिटी एग्रीमेंट करेंगे, जिससे भारतीय कामगारों को रूस में सुरक्षित और बेहतर अवसर मिल सकें. भारत-रूस व्यापार में भारत के घाटे को कम करने पर भी बातचीत होगी. रक्षा और ऊर्जा पर खास फोकस रहेगा.
रूसी राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने बताया कि S-400 मिसाइल सिस्टम और Su-57 लड़ाकू विमान चर्चा के प्रमुख मुद्दे होंगे. दोनों देश साथ मिलकर तेल व्यापार को और सरल और सुरक्षित बनाना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि भारत-रूस व्यापार 63 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है और लक्ष्य है कि यह 2030 तक 100 अरब डॉलर हो जाए.
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