Bihar election 2025: बिहार चुनाव का सियासी पारा गरमाया, दूसरे चरण से पहले दिग्गज नेताओं ने झोकी ताकत

Bihar election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव अपने निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है. पहले चरण के मतदान के बाद अब पूरा ध्यान दूसरे चरण पर केंद्रित है. 121 सीटों पर रिकॉर्ड 64.66 प्रतिशत मतदान के साथ बिहार ने इस बार इतिहास रच दिया है. अब सभी राजनीतिक दल 11 नवंबर को होने वाले दूसरे चरण के मतदान को लेकर पूरी ताकत झोंक चुके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार और योगी आदित्यनाथ जैसे बड़े नेता लगातार रैलियों में जनता से सीधा संवाद कर रहे हैं. आज भी बिहार के अलग-अलग जिलों में इन दिग्गज नेताओं की रैलियों और जनसभाओं से चुनावी माहौल और ज्यादा गरमाने वाला है.

पिछले चुनाओं के नतीजे

जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने कहा कि बिहार में लोगों ने इस बार बहुत उत्साह से मतदान किया है. यह अब तक का सबसे ज्यादा मतदान प्रतिशत है और यह सरकार की वापसी का संकेत है. उन्होंने बताया कि अगर पिछले चुनावों के रिकॉर्ड देखें तो जब भी ज्यादा मतदान हुआ है, तब सरकार वापस आई है. 2005 के मुकाबले 2010 में ज्यादा वोट पड़े, और 2010 के मुकाबले 2015 में भी ज्यादा वोट पड़े. संजय झा ने कहा, “इस बार भी लोग सुरक्षा, शांति, समृद्धि और सुशासन के लिए वोट करने निकले हैं. हमें भरोसा है कि इस बार 2010 से भी बेहतर नतीजे आएंगे और नीतीश कुमार की सरकार फिर से बनेगी.”

तैयारी का प्रशासन ने लिया जायजा

जनसभा की तैयारी को लेकर पुलिस व प्रशासन सक्रिय है. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के लिए सभा स्थल का निरीक्षण किया. यहां करीब तीन हजार से अधिक कुर्सियों की व्यवस्था की गई है. पहले कतार में महिलाओं व अति विशिष्ट लोगों के लिए सुरक्षित रहेगा. जबकि डी घेरे का दायरा बढ़ाने के साथ मजबूती से बांस-बल्ला लगाने का निर्देश दिया. प्रवेश के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए जांच की जाएगी. वहीं हवाई अड्डे की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

बड़े नेताओं और जनता के बीच संवाद

ऐसा पहली बार हो रहा है जब चुनाव के दूसरे चरण में इतने बड़े-बड़े नेता एक ही दिन, अलग-अलग जिलों में जनता के बीच जाकर संवाद कर रहे हैं. हर रैली, हर जनसभा मतदाताओं को रिझाने की होड़ को दिखाती है. गांव, कस्बों से लेकर शहरों तक, चौपालों और मैदानों में लोग सुबह से नेताओं की रैलियों का बेसब्री से इंतजार करते हैं. महिलाएं, युवा, किसान, अल्पसंख्यक हर वर्ग की हिस्सेदारी इन सभाओं में देखी जा सकती है तथा उनके सवालों और वोटों का महत्व सभी दल अच्छे से समझ रहे हैं.

जनता के हाथ में सत्ता की चाबी

रोड शो, नुक्कड़ सभा, मीडिया को बयान, सभाओं में क्षेत्रीय मुद्दों पर फोकस, हर तरफ राजनीति की गहरी हलचल साफ दिख रही है. कुल मिलाकर आज का चुनावी समर नेताओं की रैली, जनता की प्रतिक्रियाओं और सबसे अहम- मतदान के प्रति जागरूकता पर निर्भर है. जनता के हाथ में सत्ता की चाबी है और कौन नेता आज अपने भाषण, वादों, मुद्दों, और जनसंपर्क से यह भरोसा जगा पाता है, इसका फैसला मतदान के अगले चरणों में साफ हो जाएगा. यह चुनाव न सिर्फ प्रत्याशियों की जीत-हार बल्कि बिहार की राजनीति की दिशा भी तय करेगा.

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