सर्दियों में खुद को फिट और एक्टिव बनाए, करें ये 10 योगासन

Yoga Tips: सर्दियों के मौसम में शरीर की जकड़न, जोड़ों में दर्द और हड्डियों की कमजोरी आम समस्या बन जाती है। ठंडी हवा के कारण शरीर का ब्लड सर्कुलेशन धीमी हो जाती है और हड्डियों में कैल्शियम का अवशोषण भी कम होने लगता है। ऐसे में दवाइयों के बजाय अगर आप योगासन को अपनी दिनचर्या में शामिल करें तो न केवल हड्डियों की मजबूती बढ़ती है बल्कि शरीर लचीला और ऊर्जावान भी बना रहता है। योग सिर्फ शरीर को लचीला नहीं बनाता बल्कि हड्डियों की नींव को भी मजबूत करता है। सर्दियों में अगर आप रोजाना 15–20 मिनट इन आसनों को करें, तो आपको न सिर्फ दर्द से राहत मिलेगी बल्कि जोड़ों में लचीलापन और ऊर्जा भी महसूस होगी।

सर्दियों में अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए 10 योग आसन
वज्रासन (वज्र आसन)

वज्रासन योगासन पाचन क्रिया के लिए बहुत अच्छा है, जो सर्दियों में अक्सर भारी आहार के कारण धीमी पड़ जाती है। एड़ियों के बल बैठने से पेट में रक्त का प्रवाह बेहतर होता है और भोजन के बाद आराम मिलता है। मन शांत होगा और तनाव कम होगा। यह सर्दियों के लिए सबसे अच्छे योगासनों में से एक है । इसके नियमित अभ्यास से पाचन तंत्र सक्रिय रहता है और पेट फूलने से बचाव होता है।

उत्कटासन (कुर्सी मुद्रा)

उत्कटासन या चेयर पोज़ एक मांसपेशियों वाला योगाभ्यास है जो आपके पैरों, पीठ और बाजुओं को मज़बूत बनाता है। यह आसन शरीर में गर्माहट भी पैदा करता है, जो ठंड के दिनों में बहुत मददगार होता है। यह संतुलन और एकाग्रता को बेहतर बनाने में भी मदद करता है, जिससे यह आपके दिमाग को सक्रिय और व्यस्त रखने का एक बेहतरीन तरीका बन जाता है। इस आसन में लगने वाला प्रयास सहनशक्ति बढ़ाता है और आपको पूरे दिन ऊर्जावान बनाए रखता है।

भुजंगासन (कोबरा मुद्रा)

कोबरा आसन आपकी रीढ़ की हड्डी को खींचता और मज़बूत करता है। यह छाती और फेफड़ों को भी खोलता है। यह आसन सर्दियों में फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने और कंजेशन दूर करने में मदद कर सकता है, जब श्वसन संबंधी समस्याएँ आम होती हैं। भुजंगासन थकान और तनाव को कम करके आपके मूड को बेहतर बनाने में मदद करता है, जिससे शरीर और मन दोनों को एक बेहतरीन ऊर्जा मिलती है।

अधो मुख संवासन – अधोमुख श्वान मुद्रा

यह पारंपरिक योग मुद्रा पूरे शरीर को मज़बूत बनाती है और लचीलापन बढ़ाती है। चूँकि डाउनवर्ड डॉग मुद्रा में अंग उल्टे होते हैं, इसलिए ठंड के मौसम में रक्त प्रवाह अपेक्षाकृत धीमा होता है। यह हैमस्ट्रिंग, पिंडलियों और रीढ़ की हड्डी में खिंचाव पैदा करता है, जिससे अकड़न दूर होती है और ऊर्जा का स्तर बढ़ता है। यह मन को शांत करता है और चिंता को कम करता है, जो सर्दियों में बादलों वाले दिनों के लिए बेहद ज़रूरी है।

ताड़ासन पर्वत मुद्रा

ताड़ासन, या पर्वतासन, बेहद सरल होने के साथ-साथ अविश्वसनीय रूप से प्रभावी भी है। यह आसन आपके पैरों, पीठ और धड़ को मज़बूत बनाता है और आपकी मुद्रा में सुधार लाता है। यह आपको स्थिर और स्थिर महसूस करा सकता है, खासकर जब आप ठंड के मौसम में असहज महसूस करते हैं। यह आसन व्यक्ति के शरीर, रक्तप्रवाह और मन को भी सीधा करने में मदद करता है।

त्रिकोणासन (त्रिकोण मुद्रा)

त्रिभुजाकार आसन सर्दियों के लिए सबसे अच्छा योगासन है, क्योंकि यह आपके शरीर के पार्श्व भागों को खींचता और मज़बूत बनाता है। यह आपकी रीढ़ की हड्डी को अधिक लचीला बनाता है और संतुलन में सुधार करता है, जो सर्दियों में बहुत मददगार होता है जब कई लोग अकड़न महसूस करते हैं। त्रिकोणासन पाचन में मदद करता है और पेट फूलने को कम करता है, जो आपके शीतकालीन योगासन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका शांत प्रभाव चिंतित मन को शांत करने में भी मदद करता है।

कपालभाति (खोपड़ी चमकती श्वास)

कपालभाति कोई शारीरिक मुद्रा नहीं, बल्कि एक श्वास अभ्यास है जो सर्दियों में बहुत कारगर होता है। यह फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है और नासिका छिद्रों को साफ़ रखता है जिससे आप सर्दियों में बेहतर साँस ले पाते हैं। यह शरीर के अंदर कुछ गर्मी भी पैदा करता है, जो आपको गर्म रखती है। कपालभाति से आपका मन तरोताज़ा होता है, आपका ध्यान और मनोदशा बेहतर होती है, जो सर्दियों की उदासी से लड़ने में विशेष रूप से सहायक है।

नटराजासन (नर्तकी मुद्रा)

नर्तक मुद्रा एक सहज और सर्वोत्तम शीतकालीन योग मुद्रा है जो संतुलन, लचीलेपन और एकाग्रता में मदद करती है। यह मुद्रा पैरों को मज़बूत बनाती है, छाती को खींचती है और हृदय को खोलती है, जो कड़ाके की ठंड में भारी लग सकता है। इस मुद्रा का नियमित अभ्यास करने से शारीरिक और मानसिक शक्ति में सुधार होगा, जिससे आप सर्दियों की चुनौतियों का बेहतर ढंग से सामना कर पाएँगे।

मत्स्यासन (मछली मुद्रा)

मत्स्यासन छाती को प्रभावी ढंग से खोलता है, जिससे श्वसन में मदद मिलती है। सर्दियों में अक्सर नाक बंद होने और सर्दी-ज़ुकाम की समस्या होती है, और मत्स्यासन इन समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है। यह आपको आराम देकर आपकी गर्दन और पीठ को भी स्ट्रेच करता है, जिससे आप ज़्यादा सकारात्मक बनते हैं और सबसे ठंडे दिनों में भी तनाव कम होता है।

शवासन (शव मुद्रा)

शवासन या शवासन के बिना कोई भी योगाभ्यास अधूरा है। यह आरामदायक योगासन शरीर को पिछले आसनों के सभी लाभों को अवशोषित करने में मदद करता है। यह तनाव कम करने, मन को शांत करने और गहन विश्राम को बढ़ावा देने में मदद करता है। शवासन सर्दियों के व्यस्त मौसम से निपटने का एक बेहतरीन तरीका है, जो आपके दिन में शांति और स्थिरता लाता है।

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