Up news: नोएडा साइबर क्राइम पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है. पुलिस ने उस साइबर गिरोह के 3 सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने खुद को CBI अधिकारी बताकर एक रिटायर्ड डिप्टी डायरेक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर 1.70 करोड़ रुपये की ठगी की थी. यह कार्रवाई आज संकलित गुप्त सूचना के आधार पर गाजियाबाद से की गई. पुलिस ने बृहस्पतिवार की शाम गिरफ्तार किए गए बिहार के प्रिंस कुमार, अवनीश कुमार और विद्यासागर यादव के रुप में पहचान की गई है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि पोर्टल पर जांच करने पर पता चला कि इनके खिलाफ विभिन्न राज्यों में छह से अधिक शिकायत दर्ज हैं.
हथकड़ी लगाने की धमकी
सेक्टर-62 निवासी रिटायर्ड अधिकारी ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि 9 सितंबर को कॉल आई. कॉलर ने कहा कि आपकी आईडी पर जारी नंबर से मुंबई में कॉल कर गाली दी जा रही है. इसी बीच कॉल फर्जी थाने में ट्रांसफर कर दी गई, उनको मनी लॉन्ड्रिग में शामिल बता सीबीआई जांच में मदद के लिए राजी किया गया. फर्जी सीबीआई अधिकारी विजय खन्ना ने बताया कि उनके नाम से मुंबई में खाता खोला गया है. गलत लेन-देन में इसका प्रयोग हुआ है. हथकड़ी लगा मुंबई लाने की धमकी देकर उनको डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया.
दो किश्तों में ट्रांसफर कराए पैसे
डर और दबाव के चलते 9 सितंबर से 15 सितंबर के बीच पीड़ित ने दो बार में 1.70 करोड़ की रकम ट्रांसफर कर दी. ठगों ने झांसा दिया कि रकम केवल जांच के लिए रखी जा रही है और 48-72 घंटे बाद वापस खाते में भेज दी जाएगी.
लिस की सलाह
लोगों से अपील की गई है कि किसी भी व्हाट्सएप कॉल या वीडियो कॉल पर खुद को अधिकारी बताने वालों पर बिना सत्यापन के भरोसा न करें. किसी भी कानूनी डर या धमकी की स्थिति में नजदीकी थाने या साइबर सेल से तुरंत संपर्क करें. साइबर अपराध से बचाव के लिए जागरूक रहना ही सबसे बड़ा हथियार है.
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