Cricket: भारतीय क्रिकेट का इतिहास सिर्फ रिकॉर्ड्स और ट्रॉफियों से नहीं, बल्कि कम उम्र में बड़े सपने देखने वालों की कहानियों से भी लिखा गया है. कुछ खिलाड़ियों ने तो उस उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट का मैदान देखा, जब बाकी बच्चे स्कूल की यूनिफॉर्म पहन रहे होते हैं.
वैभव सूर्यवंशी जैसे नाम आज इसी साहस और जज़्बे की मिसाल हैं, जिन्होंने महज़ 13 साल की उम्र में इंडिया अंडर-19 टीम के लिए खेलकर क्रिकेट प्रेमियों को चौंका दिया. अगर ये नाम अब तक आपने नहीं सुना, तो जान लीजिए—ये भविष्य का बड़ा सितारा बन सकता है. लेकिन आज हम बात कर रहे हैं उन 5 भारतीय खिलाड़ियों की, जिन्होंने कम उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू कर न सिर्फ रिकॉर्ड तोड़ा, बल्कि पूरे देश को गौरव का अनुभव कराया.
सचिन तेंदुलकर
भारतीय क्रिकेट में सबसे पहला नाम सचिन तेंदुलकर का आता है, जिन्हे ‘क्रिकेट के भगवान’ भी कहे जाते है. उन्होंने महज 16 साल और 205 दिन की उम्र में पाकिस्तान के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था, इसलिए उन्हें ‘लिटिल मास्टर’ भी कहा जाता था. उन्होंने अपने 24 साल के लंबे करियर में 100 अंतरराष्ट्रीय शतक, 34,000 से अधिक रन और अनगिनत रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं. उन्हे मास्टर बलास्टर की भी उपाधि दी गई है. आज भी वे करोड़ों युवाओं के प्रेरणास्रोत हैं.
पार्थिव पटेल
जब पार्थिव पटेल टेस्ट कैप पहने इंग्लैंड में विकेट के पीछे खड़े हुए, तो दुनिया को यकीन नहीं हुआ कि इतनी कम उम्र का खिलाड़ी इतनी ठंडे दिमाग से खेल सकता है. विकेटकीपिंग में उनकी चुस्ती और बल्लेबाज़ी में भरोसा उन्हें उस दौर में भी टीम का भरोसेमंद सिपाही बना गया. सिर्फ 17 साल और 153 दिन की उम्र में इंग्लैंड के खिलाफ 2002 में भारत के लिए टेस्ट डेब्यू किया था.
मनिंदर सिंह
मनिंदर सिंह, एक समय पर भारत के सबसे प्रतिभाशाली स्पिनरों में से एक माने जाते थे. उन्होंने 1982 में सिर्फ 17 साल और 222 दिन की उम्र में भारतीय टीम के लिए डेब्यू किया था. बाएं हाथ के इस स्पिनर ने 35 टेस्ट और 59 वनडे में भारत का प्रतिनिधित्व किया है. वह 1988 की एशिया कप विजेता टीम का हिस्सा भी रह चुके हैं. उनकी गेंदबाजी में टर्न और कंट्रोल कमाल का था और उन्हें बिशन सिंह बेदी का उत्तराधिकारी तक कहा जाता था.
हरभजन सिंह
हरभजन सिंह, जिन्हें दुनिया ‘टर्बनेटर’ के नाम से जानती है, उन्होंने 1998 में 17 साल और 288 दिन की उम्र में भारतीय टीम के लिए डेब्यू किया था. 2001 की ऐतिहासिक भारत-आस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज में उन्होंने हैट्रिक लेकर क्रिकेट की दुनिया में सनसनी मचा दी थी. उन्होंने भारतीय क्रिकेट को अपने करियर में 103 टेस्ट में 417 विकेट और अनगिनत यादगार पल दिए है.
लक्ष्मी रतन शुक्ला
एक समय पर भारतीय टीम के युवा ऑलराउंडर रहे लक्ष्मी रतन शुक्ला ने बल्ले और गेंद दोनों से पहचान बनाई. जिन्होंने 1999 में मात्र 17 साल और 320 दिन की उम्र में भारत के लिए डेब्यू किया था. हालाँकि इंटरनेशनल करियर छोटा रहा, लेकिन बंगाल की राजनीति में मंत्री बनने तक का सफर बताता है कि मैदान कोई भी हो, जुनून आपको ऊँचाइयों तक ले जाता है.
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