Up news: यूपी के बेटियों को अब स्कूलों में शिक्षा के साथ साथ उन्हें डिजिटल दुनिया और वित्त के बारे में भी जानकारी दी जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार ने बेटियों के सशक्तिकरण की दिशा में एक और बड़ी पहल शुरू की है. इन योजना के द्वारा प्रदेश के 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) की करीब 80 हजार छात्राओं को वित्तीय साक्षरता और डिजिटल कुशलता का प्रशिक्षण देने का कदम उठाया है.
यह प्रशिक्षण यूनिसेफ के सहयोग से ‘पासपोर्ट टू अर्निंग (P2E)’ नाम के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए बिल्कुल मुफ्त दिया जाएगा. प्रशिक्षण के अंत में बालिकाओं को एक मान्यता प्राप्त प्रमाण पत्र भी मिलेगा. इस कोर्स में उन्हें पैसे से जुड़ी जरूरी बातें, जैसे बजट बनाना, बचत करना, ऑनलाइन लेनदेन की सुरक्षा, कर्ज से कैसे बचें, और डिजिटल टूल्स जैसे एक्सेल व पावरपॉइंट का इस्तेमाल करना सिखाया जाएगा.
प्रशिक्षण और कोर्स प्रक्रिया
इस कार्यक्रम की शुरुआत 20 मई से होगी. हर स्कूल से एक-एक नोडल शिक्षक को चुना जाएगा और उन्हें पहले खुद यह प्रशिक्षण दिया जाएगा. फिर वे अपनी-अपनी छात्राओं को सिखाएंगे. जिसमें 25 जुलाई तक सभी छात्राएं इस प्लेटफॉर्म पर लॉगइन कर लेंगी. 10 सितंबर तक वे वित्तीय साक्षरता कोर्स पूरा करेंगी, 30 अक्टूबर तक डिजिटल साक्षरता का कोर्स पूरा होगा और नवम्बर तक इनकी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को दी जाएगी.
आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह योजना
वित्तीय साक्षरता में 12 अध्याय और डिजिटल कुशलता में 8 अध्याय हैं. हर कोर्स लगभग 10 घंटे का है. इसमें वीडियो, अभ्यास और ऑनलाइन टेस्ट होंगे, जो कि मोबाइल या कंप्यूटर से किए जा सकते हैं. प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों को जिला स्तर पर सम्मान भी मिलेगा. गांवों और छोटे शहरों की लड़कियां अक्सर डिजिटल और वित्तीय जानकारी से दूर रह जाती हैं. ऐसे में यह योजना उन्हें आत्मनिर्भर बनाएगी. नई शिक्षा नीति 2020 का भी यही मकसद है कि बच्चों को किताबों के साथ-साथ असली जिंदगी के लिए तैयार किया जाए.
योजना दूसरे राज्यों के लिए भी बनेगी मिसाल
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि हम चाहते हैं कि बेटियां भविष्य में खुद अपने फैसले ले सकें अपनी कमाई कर सकें और आत्मविश्वास से भरपूर रहें. यह कार्यक्रम उन्हें 21वीं सदी की ज़रूरतों के लिए तैयार करेगा. सरकार का यह कदम बालिकाओं को शिक्षा के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान देने का प्रयास है. इस प्रशिक्षण से बेटियां सिर्फ नौकरी के लिए नहीं, बल्कि ज़िंदगी के हर मोर्चे पर सक्षम बनेंगी. यूपी की यह योजना दूसरे राज्यों के लिए भी मिसाल बन सकती है.
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