गोरखपुर। क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) कोरोना संक्रमित हुए पूर्वांचल के ओ-पॉजिटिव ग्रुप वाले लोगों पर शोध करेगा। अलग-अलग स्थानों पर हुए शोध में यह बात सामने आई है कि संक्रमित होने वालों में ओ-ब्लड ग्रुप वालों की संख्या बेहद कम रही। जो संक्रमित हुए भी वे गंभीर स्थिति में नहीं पहुंचे। आरएमआरसी की ओर से जीन मैपिंग के द्वारा इसका कारण जाना जाएगा। आरएमआरसी की सीनियर वैज्ञानिक डॉ. हीरावती ने बताया कि वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की तरफ देश के कई संस्थानों में शोध किया गया है। इसमें यह बात सामने आई है कि कोरोना संक्रमण का शिकार हुए ओ-पॉजिटिव ब्लड ग्रुप के लोग गंभीर रूप से बीमार नहीं हुए, जबकि अन्य ब्लड ग्रुप वाले लोगों के साथ ऐसा नहीं रहा है। पूर्वांचल के मरीजों की स्थिति जानने के लिए ओ पॉजिटिव ब्लड ग्रुप वाले मरीजों पर शोध का फैसला लिया गया है। शोध में यह जानने की कोशिश की जाएगी कि आखिर ओ पॉजिटिव ग्रुप के लोगों को संक्रमण का खतरा कम क्यों रहा है। उनके शरीर की इम्युनिटी किन वजहों से बेहतर रही है। वह कितने दिनों में ठीक हो गए और उन्होंने संक्रमण के दौरान कौन से दवा और क्या खानपान अपनाया। इस बारे में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) को प्रस्ताव भी भेजा गया है। आईसीएमआर की देखरेख में यह शोध किया जाएगा। डॉ. हीरावती ने बताया कि इसके लिए अलग-अलग समूह के ठीक हो चुके मरीजों के सैंपल इकट्ठा किए जाएंगे। इसमें युवा, अधेड़ और बुजुर्ग शामिल किए जाएंगे। उनके ठीक होने का समय और एंटीबॉडी की स्थिति भी जांची जाएगी।