Sawan 2025: सावन महीने की शुरुआत 11 जुलाई से हो रही है और 9 अगस्त 2025 तक चलेगा. इस दौरान चार सोमवार भी पड़ेंगे. सावन को महीना भगवान शिव का प्रिय महीना माना जाता है, क्योंकि यह ऐसा समय होता है जब भगवान भूलोक पर वास करते हैं और भक्तों को श्रद्धा और भक्ति का पूर्ण आशीर्वाद देते हैं. ज्योतिष और धार्मिक दृष्टिकोण से 11 जुलाई का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण रहने वाला है. क्योंकि सावन के पहले दिन ही कई दुर्लभ योग का निर्माण हो रहा है. ज्योतिष की माने तो ऐसे योग सौ साल में एक बार ही आते हैं.
शिव की साधना में शनि का वक्री होना विशेष फलदायी
सावन मास 09 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन श्रवण नक्षत्र में समाप्त होगा. इसके साथ ही 13 जुलाई को प्रातः काल 9 बजकर 14 मिनट पर शनि वक्री होंगे. जब कोई ग्रह वक्री होता है तो वह और अधिक ऊर्जावान होता है. शनि साधना के कारक ग्रह हैं. शिव की साधना में शनि का वक्री होना विशेष फलदायी माना गया है. सूर्य और चंद्र कभी वक्री नहीं रहते हैं. इस बार सावन में चार सोमवार पड़ रहे हैं. आध्यात्मिक ऊर्जा के लिए गंगाजल से पूरे माह नियमित अभिषेक करने से शुभ फल की प्राप्ति होगी.
सावन सोमवार और भगवान शिव के अभिषेक का महत्व
सावन माह के सोमवार का समय भगवान शिव के पूजन का विशेष होता है. सोमवार को भगवान शिव का अभिषेक करना अत्यंत फलदाई होता है. रुद्राष्टकम, शिव पुराण एवं अन्य धार्मिक ग्रंथों का पठन पाठन करना विशेष फलदाई होता है.
प्रथम श्रावण सोमवार व्रत 14 जुलाई 2025
सावन माह के पहले सोमवार के दिन 14 जुलाई को धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र रहेगा, आयुष्मान और सौभाग्य योग रहेगा. इस दिन गजानन संकष्टी चतुर्थी रहेगी इस समय भगवान शिव का पूजन भक्तों को शुभता देने वाला होगा.
द्वितीय श्रावण सोमवार व्रत 21 जुलाई 2025
सावन माह के दूसरे सोमवार के दिन 21 जुलाई 2025 को रोहिणी नक्षत्र का योग मिलेगा और चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में गोचर करेगा. दूसरे सावन सोमवार के दिन वृद्धि योग की शुभता मिलने वाली है. द्वितीय श्रावण सोमवार के दिन कामिका एकादशी का शुभ समय भी होगा. सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग प्राप्त होगा.
तृतीय श्रावण सोमवार व्रत 28 जुलाई 2025
सावन माह के तीसरे सोमवार के दिन 28 जुलाई 2025 को पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र मिलेगा इसके बाद उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र भी प्राप्त होगा. रवि योग की शुभता रहेगी.श्रावण तृतीय सोमवार के दिन विनायक चतुर्थी का पर्व भी मनाया जाएगा.
चतुर्थ श्रावण सोमवार व्रत 04 अगस्त 2025
सावन माह के चतुर्थ सोमवार के दिन 04 अगस्त 2025 को होगा. इस दिन अनुराधा नक्षत्र के साथ ज्येष्ठा नक्षत्र की प्राप्ति होगी. चतुर्थ श्रावण सोमवार व्रत के दिन ब्रह्म और इंद्र योग नामक शुभता होगी. सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग की प्राप्ति होगी. चंद्रमा इस दिन वृश्चिक राशि में गोचर करेगा ऐसे में इस दिन किया गया शिव अनुष्ठान भक्तों को मानसिक शांति देने वाला होगा. चंद्र दोष की शांति होगी, ग्रहण योग पितृ दोष की शांति होगी.
दुर्लभ योग में सावन की शुरुआत
सावन महीने की शुरुआत बेहद ही दुर्लभ योग में हो रही है, जिससे कि सावन महीना और भी खास हो जाएगा. ज्योतिष की माने तो सावन महीने में सूर्य, मंगल और शुक्र राशि बदलेंगे. इसके साथ ही बुध और शनि वक्री चाल चलेंगे. बात करें पहले दिन की तो 11 जुलाई को भी विशेष योग का निर्माण हो रहा है. इस दिन शिव योग प्रीति योग और आयुष्मान योग रहेगा. इन सभी योग को हिंदू धर्म में बहुत ही शुभ माना गया है.
शिव योग को ज्योतिष में दुर्लभ योग माना जाता है जोकि बहुत ही प्रभावशाली और भाग्यशाली होता है. जब नवम भाव का स्वामी दशम भाव में और दशमेश पंचम भाव में होता है, तब इस योग का निर्माण होता है. बात करें प्रीति योग की तो, यह भी बेहद शुभ योग में एक है. सूर्य और चंद्रमा की स्थिति के आधार पर यह योग बनता है. वहीं आयुष्मान योग को भी शुभ योग की श्रेणी में एक माना जाता है जोकि दीर्घायु और समृद्धि का कारक है. इस योग का निर्माण चंद्र और सूर्य की विशिष्ट स्थिति के कारण बनता है.
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