Hyderabad: हैदराबाद में गौरक्षक की हत्या के प्रयास के मामले में रचाकोंडा पुलिस ने 12 घंटे के भीतर ही बड़ी सफलता हासिल की है. पुलिस ने मुख्य आरोपी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. यह घटना गोलीबारी से जुड़ी है और अवैध पशु परिवहन के विवाद को लेकर हुई. पोचारम आईटी कॉरिडोर पुलिस और मलकजगिरी की विशेष टीमों ने मिलकर इस पूरे मामले का उद्भेदन किया. सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर काफी चर्चा है, जहां एक ओर गौरक्षकों पर हुए हमले की निंदा की जा रही है, वहीं दूसरी ओर इस मामले में सामने आए वसूली के आरोपों पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं.
तस्करों ने बुलाया और सीने में मारी गोली
रिपोर्ट्स के मुताबिक, गौ तस्करी से जुड़ी जानकारी देने के बहाने कुछ लोगों ने सोनू को घाटकेसर बुलाया. जैसे ही सोनू तय जगह पर पहुंचे हमलावरों ने उन पर सीधे गोली चला दी, जो उनके सीने में लगी. घायल प्रशांत को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां सर्जरी कर उनकी गोली निकाल दी गई और उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है. रचकोंडा पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है और हमलावरों को पकड़ने के लिए विशेष टीमें लगाई गई हैं. कुछ संदिग्धों को हिरासत में भी लिया गया है.
पुलिस ने 3 आरोपियों को किया गिरफ्तार
रचाकोंडा पुलिस कमिश्नर जी. सुधीर बाबू के निर्देश पर गठित विशेष टीमों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 23 अक्टूबर की सुबह शमशाबाद से मुख्य आरोपी मोहम्मद इब्राहिम कुरैशी, पीड़ित के दोस्त कुरुवा श्रीनिवास और हसन बिन मोसिन को गिरफ्तार कर लिया.
जांच में खुलासा हुआ है कि प्रशांत पर आरोपियों से अपनी गतिविधियां न रोकने के एवज में पांच लाख रुपये की वसूली का आरोप है. पुलिस ने आरोपियों के पास से एक देसी पिस्तौल, एक स्विफ्ट कार, तीन मोबाइल फोन और दो खाली कारतूस बरामद किए हैं. एक आरोपी मोहम्मद हनीफ कुरैशी अभी भी फरार है, जिसकी तलाश जारी है.
माफिया गतिविधियों पर रोक की मांग
केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने इस घटना को माफिया गतिविधियों का हिस्सा बताया और पुलिस पर मिलीभगत का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “हैदराबाद में गोवंश तस्करी करने वाले माफिया ने गौ रक्षकों को बुलाकर गोली मारी. मैंने डीजीपी से बात की है, लेकिन पुलिस अपना काम नहीं कर रही. सरकार को माफिया गतिविधियों और अवैध गोवंश परिवहन पर रोक लगानी चाहिए.”
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