मान अपमान में मन को शान्त रखना सबसे महान पुण्य कार्य: दिव्‍य मोरारी बापू    

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि बहुत बड़ा आश्चर्य- दो-चार दिन…

भगवद् स्मरण में ओत-प्रोत होकर जीवन को बनाए भागवद्मय: दिव्‍य मोरारी बापू 

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि जीवन-सप्ताह- मनुष्य के मरने के…

नवसृजन-नवनिर्माण की प्रतिष्ठा करता है धैर्य: दिव्य मोरारी बापू    

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि भक्ति और मोह- भगवान के…

समर्पण भाव से जीव का बन जाता है भगवान: दिव्‍य मोरारी बापू    

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि समर्पण योग- भागवत समर्पण योग…

प्रभु की प्रसन्नता के लिए किए गए व्यावहारिक कार्य भी है प्रभु की भक्ति: दिव्‍य मोरारी बापू    

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि भगवान के भक्त बनो- प्रभु…

दीमक की तरह मनुष्य के जीवनसत्व को समाप्त कर देते हैं उनके मन के पाप: दिव्‍य मोरारी बापू    

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि सत्संग और हरिस्मरण- मनुष्य अपने…

पाप और प्रेत ये दोनों एक समान: दिव्‍य मोरारी बापू    

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि धर्मशास्त्र हमें सावधान करते हैं-…

हमारे मन को पापी बनाते है दूसरों के दोष विचार: दिव्‍य मोरारी बापू    

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि दोष-दृष्टि- कई लोगों को भगवान…

जिसके पास संयम और प्रभु की भक्ति के लिए कोई नियम नहीं, उनका जीनव व्‍यर्थ: दिव्‍य मोरारी बापू    

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि प्रभाते करदर्शनम्- ‘ प्रभाते करदर्शनम्…

प्रवृत्ति का विषयानन्द छोड़ने पर ही प्राप्‍त कर सकेंगे निवृत्ति का नित्यानन्द: दिव्‍य मोरारी बापू    

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि जरासंध और द्वारिका- जरासंध के…