Balia : रसायन उर्वरक एवं रासायनिक कीटनाशक से मुक्ति पाकर ही किसान भाई अपना व समाज का उन्नयन कर सकते हैं. आज गौ आधारित प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना सबके लिए आवश्यक है तभी एक स्वस्थ समाज की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है. यह बातें चंद्रशेखर विश्वविद्यालय में कृषि विभाग द्वारा आयोजित नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग योजनांतर्गत ओरियेंटेशन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उप्र गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता ने कही.
उन्होंने कहा कि आज भारत सरकार एवं प्रदेश सरकारों द्वारा गौ आधारित प्राकृतिक खेती पर जोर दिया जा रहा है तो उसके पीछे एकमात्र कारण किसानों को समृद्ध बनाने के साथ स्वस्थ समाज का निर्माण करना है. प्राकृतिक रूप से की जाने वाली कृषि पद्धति भविष्य के लिए एक वरदान है. यहां जितने भी किसान हैं सभी को कम से कम दो देशी गायों को पालने का संकल्प लेना होगा तभी यह पूरा होगा. एक देशी गाय से किसान पांच एकड़ में प्राकृतिक खेती कर सकते हैं. इससे जहां शुद्ध अनाज मिलेगा तो किसानों की आय में भी वृद्धि होगी.
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती में किसान अपने ही बीजों का उपयोग कर सकते हैं. विश्वविद्यालय के कुलपति संजीव कुमार गुप्ता ने कहा कि देश में गौ आधारित प्राकृतिक कृषि तेजी से बढ़ रही जिससे सभी को जुड़ना होगा. कहा इस परिसर में मैं खुद गाय रखा हूं और प्राकृतिक खेती भी करता हूं. लोक भारती के श्रीकृष्ण चौधरी ने कहा कि प्राकृतिक खेती बहुत सहज है जिससे जुड़कर किसान सबका भला कर सकते हैं.
लोक भारती के धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि जनपद में प्राकृतिक खेती को अभियान चलाकर बढ़ावा दिया जाएगा. इस दौरान किसानों को विभिन्न प्रकार के बीजों का वितरण किया गया. कार्यक्रम में कृषि विभाग के उप निदेशक मनीष सिंह, कृषि अधिकारी पवन कुमार, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, किसान मोर्चा के अध्यक्ष संतोष पांडेय, संध्या पांडेय, दुष्यंत सिंह आदि मौजूद रहे.