Uttarakhand: देहरादून में भारी वर्षा और प्राकृतिक आपदा से उत्पन्न संकट के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंगलवार को हरिद्वार जिले के लक्सर के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे. मुख्यमंत्री ने ट्रैक्टर और राफ्ट के जरिए जलभराव से प्रभावित महाराजपुर, गंगदासपुर, पंडितपुरी गांव में पहुंचकर स्थलीय निरीक्षण किया और प्रभावित परिवारों से सीधे संवाद कर उनकी समस्याएं सुनीं.
बचाव एवं राहत कार्यों में जुटी प्रशासन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मौके पर मौजूद प्रशासनिक और आपदा प्रबंधन अधिकारियों को राहत व पुनर्वास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रभावित लोगों की सुरक्षा, आवास, भोजन और स्वास्थ्य सुविधाओं में कोई कमी न रहे और लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी. राज्य सरकार इस संकट की घड़ी में हर नागरिक के साथ खड़ी है.
मलबे में 5 लोग जिंदा दफन होने की आशंका
बादल फटने के बाद देहरादून के सहस्त्रधारा में बुरा हाल है. तबाही के बाद का मंजर देख वहां के निवासी खुद के जान को खतरे में महसूस कर रहे हैं. सहस्त्रधारा के कार्लीगाढ़ और मज्याड गांव में पहाड़ गिरने के बाद मलबे में 5 जिंदा लोग दफन होने की आशंका जताई जा रही है. ग्राम प्रधान ने इस बात की पुष्टि की है. वहीं दूसरी तरफ विकासनगर की आसन नदी की चपेट में 12 लोग बह गए, जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई, 5 का रेस्क्यू किया गया और 4 लोग अभी तक लापता है.
300 से 400 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया
अधिकारी ने बताया कि प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य में टीमें लगी हुई हैं और 300 से 400 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. सुमन ने बताया कि टिहरी में जलभराव के कारण गीता भवन में लोग फंस गए हैं और उन्हें बचा लिया गया है. इसके अलावा, नैनीताल में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के मलबे से एक सड़क अवरुद्ध हो गई है. मझारा गांव के निवासी, सुबह-सुबह अपने घरों पर हुए भूस्खलन से बचकर सड़क पर थे. उन्होंने दावा किया कि कुछ लोग लापता हैं.
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